सुनील सीरीज का उपन्यास उनका पहला उपन्यास था और यह 1963 में पब्लिश हुआ था। यह उपन्यास पुराने गुनाह नए गुनहगार पत्रिका नीलम जासूस में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद खोजी पत्रकार सुनील चक्रवर्ती को लेकर उन्होंने 100 किताबों की श्रृंखला की।
गुजरात के बहुचर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में मुबंई के विशेष सीबीआई कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने दिनेश एम एन और डीजी वंजारा को बरी कर दिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज से अपने नए आवास पांच कालीदास मार्ग में रहने लगेंगे। इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य को भी आवास आवंटित कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों के विभाग का बंटवारा कर दिया है। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग अपने पास रखा है जबकि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को लोक निर्माण विभाग और दिनेश शर्मा को माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग दिया गया है।
विवेक मिश्र को साहित्यिक पत्रिका हंस में प्रकाशित उनकी कहानी ‘और गिलहरियां बैठ गईं’ के लिए अठारहवें रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
विवेकानंद फाउंडेशन ने एक राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की है जो 2019 के लोकसभा चुनाव सहित अगले दो वर्षों में विभिन्न राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी।
आम आदमी पार्टी पंजाब में टिकट बंटवारे और उसके बाद पंजाब के पार्टी संय़ोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर को पद से हटाने के बाद पार्टी दो फाड़ नजर आ रही है। पार्टी में पंजाब बनाम दिल्ली का राग अलापा जा रहा है। एक ओर पार्टी कार्यकर्ता बोल रहे हैं कि दिल्ली से आए संजय सिंह और दुर्गेश पाठक का पंजाब के मामलात में दखल कम किया जाए और पार्टी से जुड़े पंजाब के लोगों को ज्यादा से ज्यादा अधिकार दिए जाएं।
बसपा से दो बार सांसद रह चुके ब्रजेश पाठक सोमवार को भाजपा में शामिल हो गए। अगले साल होने वाले विधानसभा से पहले पाठक का पार्टी छोड़ना बसपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
तृणमूल कांग्रेस अपने दो सांसदों को संसदीय स्थाई समिति से हटवाने जा रही है। तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के निर्देश पर राज्यसभा के सदस्य केडी सिंह और लोकसभा के सदस्य दिनेश त्रिवेदी को संसदीय समितियों से हटाने की सिफारिश करते हुए राज्यसभा अध्यक्ष एवं लोकसभा स्पीकर को पार्टी की तरफ से चिट्ठियां भेजी गई हैं। अगले एक महीने में विभिन्न संसदीय स्थाई समितियों की मियाद खत्म होने वाली हैं। इन समितियों का पुनर्गठन होना है।