Advertisement

Search Result : "दोरनापाल थाना परिसर"

जेएनयू  विवाद: एक अन्य छात्र ने किया समर्पण, पुलिस ने की पूछताछ

जेएनयू विवाद: एक अन्य छात्र ने किया समर्पण, पुलिस ने की पूछताछ

जेएनयू में देश विरोधी नारों को लेकर दर्ज देशद्रोह के मामले में विशवविद्यालय के एक अन्य छात्र आशुतोष ने जांच में शनिवार को शिरकत की। मामले में पुलिस उसे तलाश रही थी और उसे पेश होने के लिए सम्मन भेजा गया था।
चर्चा : कॉलेज परिसर में घूस का पाप। आलोक मेहता

चर्चा : कॉलेज परिसर में घूस का पाप। आलोक मेहता

लखनऊ के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र ने शिक्षक द्वारा रिश्वत लेने के दबाव से तंग आकर आत्महत्या कर ली। छात्र को कक्षा में उप‌स्थिति के रिकॉर्ड के आधार पर परीक्षा प्रवेश पत्र मिलने से शिक्षक रोक रहा था। छात्र ने एक बार 20 हजार रुपया दे भी दिया और घूसखोर शिक्षक ने ज्यादा रकम मांगी। ऐसी मानसिक प्रताड़ना संपूर्ण शिक्षा-व्यवस्था और शासकीय तंत्र के लिए शर्मनाक है।
कन्हैया ने ही जेएनयू में आयोजित किया था कार्यक्रम: दिल्ली पुलिस

कन्हैया ने ही जेएनयू में आयोजित किया था कार्यक्रम: दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट मे दावा किया कि देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने ही परिसर में उस कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसमें कथित तौर पर देश विरोधी नारेबाजी की गई थी।
पांच आरोपी छात्रों के परिसर में दिखने पर जेएनयू के अधिकारियों की बैठक

पांच आरोपी छात्रों के परिसर में दिखने पर जेएनयू के अधिकारियों की बैठक

देशद्रोह के आरोपी जिन पांच छात्रों की पुलिस खोज कर रही है, उनके परिसर में दोबारा दिखाई देने के मुद्दे पर चर्चा के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों की बैठक बुलाई है।
प्रेस क्लब नारेबाजी: गिलानी को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

प्रेस क्लब नारेबाजी: गिलानी को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व लेक्चरर एसएआर गिलानी को मंगलवार की सुबह देशद्रोह और अन्य आरोपों के तहत दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद गिलानी को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया जहां से मजिस्ट्रेट ने उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। गिलानी की गिरफ्तारी पिछले दिनों प्रेस क्लब में आयोजित उस समारोह के संबंध में की गई है जिसमें भारत विरोधी नारे लगाए गए थे।
अभी तक जेएनयू घटना के लश्कर से जुड़ाव का सबूत नहीं: बस्सी

अभी तक जेएनयू घटना के लश्कर से जुड़ाव का सबूत नहीं: बस्सी

जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को उचित ठहराते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने सोमवार को दावा किया कि कन्हैया ने परिसर में विवादित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रविरोधी नारे लगाए थे लेकिन पुलिस को अब तक जेएनयू की घटना का लश्करे तैयबा से जुड़ाव का सबूत नहीं मिला है।
ताइवान में 6.4 तीव्रता के भूकंप में सात मरे, सैंकड़ों घायल

ताइवान में 6.4 तीव्रता के भूकंप में सात मरे, सैंकड़ों घायल

दक्षिणी ताइवान में शनिवार तड़के आए 6.4 तीव्रता के भीषण भूकंप से सात लोगों की मौत हो गई और सैंकड़ों लोग घायल हो गए। झटकों की वजह से एक उंचे आवासीय परिसर के ढह जाने के कारण उसके मलबे में दबने से सात लोगों की मौत हो गई। राहत व बचाव दल के लोग बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
इंफोसिस परिसर में महिला से बलात्कार, दो गिरफ्तार

इंफोसिस परिसर में महिला से बलात्कार, दो गिरफ्तार

इंफोसिस कंपनी के पुणे परिसर में कार्यरत एक महिला कर्मचारी के साथ बलात्कार का मामला सामने आया है। महिला ने आरोप लगाया कि वहीं काम करने वाले दो लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने महिला से बलात्कार के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
संसद परिसर में बच्‍चों के बीच शत्रुघ्‍न सिन्‍हा

संसद परिसर में बच्‍चों के बीच शत्रुघ्‍न सिन्‍हा

नई दिल्ली में शीतकालीन सत्र के दौरान संसद भवन जाकर स्कूल की लड़कियों के एक समूह ने भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा से मिलकर खूब सेल्‍फी ली। अपने खामोश डायलॉग से चर्चित शुत्रुघ्‍न स्‍कूली लड़कियों के साथ खूब खिललिखलाए और बतियाए।
झाबुआ की तरह बारूद के ढेर पर बैठा नीम का थाना

झाबुआ की तरह बारूद के ढेर पर बैठा नीम का थाना

झाबुआ के पेटलवाद में डिटोनेटर का अवैध कारोबार सौ के करीब जिंदगियां लील गया। सिलसिला थमा नहीं है। झाबुआ कांड से भी अगर सरकार नहीं जागती है तो राजस्थान के अरावली क्षेत्र में झाबुआ कांड होते देर नहीं लगेगी। एक तरह से बारूद के ढेर पर बैठा है यह इलाका। खनन का विरोध करने वाले गांववासी हजारों दफा शिकायत कर चुके हैं। डिटोनेटर के कई ट्रक पकड़वा चुके हैं। यहां तक कि इस इलाके में जाने पर डिटोनेटर की पेटियां खुले में यहां-वहां पड़ी मिल जाती हैं लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन बिल्कुल मूक हैं। गांववासियों की कोई सुनवाई नहीं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement