रोड रेज मामले में सोमवार को मणिपुर की एक ट्रॉयल कोर्ट ने सीएम बीरेन सिंह के बेटे अजय मिताई को पांच साल की जेल की सजा सुनाई है। रोड रेज का यह मामला 2011 का है।
12वीं के परिणाम आने के बाद स्टूडेंट्स आगे की पढ़ाई के लिए निर्णायक कदम उठाते हैं। इस दौरान कोई छात्र मेडिकल में तो कोई इंजिनियरिंग में अपना भविष्य तलाशते हैं, या फिर वे अपने मनमुताबिक विषयों की पढ़ाई करने की दिशा में फैसले लेते हैं। कुछ लोग ट्रेंड से हटकर भी सोचते हैं। 2017 सीबीएसई की टॉपर रक्षा गोपाल भी इन्हीं विद्यार्थियों की तरह हैं जो कुछ अलग करना चाहती हैं।
सीबीआई की विशेष अदालत ने आज कोयला घोटाले से जुड़े एक मामले में फैसला दिया है। अदालत ने इस मामले में पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, केएसएसपीएल कंपनी के एमडी पवन अहलूवालिया और संयुक्त सचिव क्रोफा को कई धाराओं के तहत दोषी ठहराया है।
22 साल पुराने हत्या के एक मामले में लालू यादव के करीबी और बिहार के महाराजगंज से सांसद रहे चुके प्रभुनाथ सिंह को हजारीबाग की एक अदालत ने दोषी करार दिया है। इस मामले में सजा 23 मई को सुनवाई जाएगी। उधर फैसले के बाद प्रभुनाथ सिंह को जेल भेज दिया गया है।
टीचर भर्ती घोटाले मामले में जेल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सिंह चौटाला आज एक बार फिर चर्चा में बने हुए हैं। यह काम कोई और नहीं बल्कि उनकी पढ़ाई को लेकर है। चौटाला ने जेल में रहते हुए 12वीं की परीक्षा पास कर ली है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज बैंकों से ऋण लेकर भागने वाले विजय माल्या को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया है। माल्या ने अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों को चार करोड़ डॉलर की राशि स्थानांतरित की थी। कोर्ट ने सजा पर सुनवाई के लिए 10 जुलाई से पहले पेश होने का निर्देश दिया है।
16 दिसंबर 2012 के दिल्ली गैंगरेप (निर्भया) मामले में चार दोषियों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि गैंगरेप के दोषियों को फांसी की सजा मिलेगी या नहीं। जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर भानूमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच फैसला सुनाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने आज निर्भया मामले में चार दोषियों की अपील पर हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखी है। फैसले के दौरान निर्भया के माता-पिता भी कोर्ट में मौजूद थे।
निर्भया बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले दोषियों के वकीलों ने शुक्रवार को कहा कि जनता के दबाव में आकर ही उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को बरकार रखा है।