अपनी पहली अंतरिक्ष वेधशाला एेस्ट्रोसैट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर भारत अंतरिक्ष वेधशाला रखने वाले कुछ चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है। एस्ट्रोसैट अपने साथ छह विदेशी उपग्रहों को भी कक्षा में स्थापित करने के लिए भेजा गया है। यह पहली बार है, जब भारत ने अमेरिकी उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) अगले महीने ऐसे रॉकेट का प्रक्षेपण करने वाला है जिसे दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सके। अगर भारत का यह प्रक्षेपण सटीक रहा तो भविष्य में उपग्रहों को अंतरिक्षण में भेजने की लागत में बहुत कमी हो जाएगी क्योंकि हर बार नया रॉकेट नहीं इस्तेमाल करना पड़ेगा।
नासा का अंतरिक्ष यान मैसेंजर बुध ग्रह की सतह पर क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसके कारण इसके ऐतिहासिक 11 वर्षीय अभियान का अंत हो गया। इस अभियान ने ग्रह के बारे में महत्वपूर्ण आंकड़े और इसकी हजारों तस्वीरें उपलब्ध करवाई थीं।