हैदराबाद में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो नकली नोट छापने का काम करते थे। इन लोगों के पास से हाल ही में जारी हुए 2000 रुपए के 105 नकली नोट पकड़े हैं। इस गिरोह के पास से पुलिस ने कुल 2,22,310 रुपए के नकली नोट पकड़े हैं, जिसमें 2,10,000 रुपए के नोट सिर्फ 2000 रुपए के हैं। बचे हुए नोट 100 रुपए, 50 रुपए, 20 रुपए और 10 रुपए के हैं।
विमुद्रीकरण के बाद आरबीआई की तरफ से जारी किए गए नए पांच सौ के नोटों में गड़बड़ी को लेकर लोगों में भ्रम पैदा हो गया है। कोई कह रहा है कि पांच सौ के नए नोट नकली हैंं तो कोई बोल रहा है कि इस नोट की छपाई सही तरीके से नहीं की गई है। गत नौ नवंबर से सरकार के आदेश के बाद समूचे देश में 500 के पुराने नोट बंद कर दिए गए हैं।
नाम में क्या रखा है, काम जरूर देखो। डिग्री बहुत बड़ी, देश के साथ विदेश की हो, नाम धनवान या गरीब खानदान से हो- असली परीक्षा परिवार-समाज और राष्ट्र को पहुंचाए गए लाभ से हो सकती है। इसी तरह विरोध की राजनीति, आंदोलन-असहमति-असहयोग और कठोर आलोचना की हो सकती है। लेकिन अब शिक्षा की डिग्री पर राजनीतिक बवाल मचाने का नया घटिया खेल शुरू हुआ है।
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने जब नाग देवी बाजार में नकली पार्ट्स-पुर्जे बनाने वाली कंपनियों पर छापे मारे तो दिल्ली तक हड़कंप मच गया। दरअसल, एसकेएफ और एफएजी नामक कंपनियों के दिल्ली मुख्यालय में कई दिनों से शिकायतें मिल रही थीं कि उनके नकली पार्ट्स बाजार में बिक रहे हैं। टैक्ट इंडिया की टीम द्वारा इसकी पुष्टि होने पर मुंबई पुलिस ने नाग देवी बाजार में कई ठिकानों पर छापे मारकर लगभग एक करोड़ रुपये के नकली माल बरामद किए। उल्लेखनीय है कि नाग देवी बाजार देश के मैकेनिकल पार्ट्स की 80 प्रतिशत जरूरतें पूरी करता है।
किसान जो पहले ही जलवायु परिवर्तन समेत कई प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे हैं। अब देश में गैरकानूनी और नकली कीटनाशी दवाओं के बेचे जाने का जख्म भी झेल रहे हैं। पंजाब में हुआ हालिया फसल नुकसान जहाँ नकली कीटनाशी के कारण कपास की फसल पूरी तरह तबाह हो गयी, इसी का एक उदाहरण है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा में पुलिस ने प्रबंधन कॉलेज के एक छात्र के पास से खाड़ी देशों के लोगों के लिए बनाए गए 160 जाली पासपोर्ट के साथ-साथ नकली कागजात बनाने वाले लैपटॉप, रबड़ स्टांप, एक लैंडलाइन और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। खुफिया एजेंसियां इस छात्र से पूछताछ में जुटी हैं। वे खासतौर पर उसके खाड़ी एवं अन्य देशों से संबंध जानने की कोशिश कर रही हैं। पकड़ा गया छात्र बिहार के गोपालगंज का रहने वाला है।
इन दिनों सेंट स्टीफन कॉलेज के छात्र देवांश मेहता सुर्खियों में हैं। दर्शनशास्त्र, तृतीय वर्ष के इस छात्र ने अपनी साख, सम्मान और अपने पर लगे आरोपों को पूरे कॉलेज के सामने खारिज करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्याय मिल भी गया। देवांश अपनी जीत से काफी खुश है। उनका कहना है कि कोई कितना ही ताकतवर और ऊंची कुर्सी पर क्यों न बैठा हो, जुल्म के खिलाफ हर हाल में आवाज उठानी चाहिए।
अपनी जीत के मौके पर देवांश ने आउटलुक से खास बातचीत कीः
भारतीय मुद्रा की छपाई के दौरान हुई सुरक्षा लापरवाही के मामले को दबाते हुए वित्त मंत्रालय ने अंदरखाने जांच भी शुरू कर दी लेकिन इस बात की किसी को भनक तक नहीं लग पाई। समाचार चैनल सीएनएन आईबीएन के हाथ लगी मामले की जांच रिपोर्ट सामने आई है। यह मामला पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौर का है।