देशभर में कई जगहों पर NIA की छापेमारी के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हुर्रियत के कई अलगाववादी नेताओं को नजरबंद कर दिया है। गौरतलब है कि छापों के बाद कई अलगाववादियों के पाकिस्तान से फंड लेने के बात सामने आ रही है। इनके बाद पुलिस ने हुर्रियत के कई नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया है।
हिजबुल मुजाहिद्दीन के टाप कमांडर बुरहान वानी की कूकरनाग के पास मुठभेड़ में मौत के विरोध में कश्मीर में शनिवार को हिंसा भड़क गई। कुलगाम में भीड़ ने पुलिस चौकियों, सुरक्षा बलों और भाजपा कार्यालय पर हमला बोला। कुल आठ लोग मारे गए हैं। यहां पुलिस फायरिंग में तीन प्रदर्शनकारी मारे गए और एक की भागते हुए नदी में डूबने से मौत हो गई। घायल चार अन्य की अस्पताल में मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों ने तीन थाने जला डाले। घाटी के इलाकों में कफ़र्यू लगा दिया गया। ट्रेन, मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं ऐहतियातन बंद कर दी गई है। प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा रोक दी है।
सैनिक कॉलोनियों और कश्मीरी पंडित बस्तियों के खिलाफ अलगाववादियों के गुरुवार को बंद के आह्वान से पहले घाटी के कई नेताओं को बुधवार को हिरासत में लिया गया या नजरबंद कर दिया गया।
पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को न ही गिरफ्तार किया गया है और न ही उसे नजरबंद किया गया है। यह दावा खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया है। यहां तक कि मसूद अजहर के तीन कनिष्ठ सहयोगियों को जिस मामले में हिरासत में लिया गया है उसका भी पठानकोट आतंकी हमले से कोई संबंध नहीं है।