उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में समाजवादी पार्टी के विरोध में खड़े चार विधायकों सहित कई नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
समाजवादी पार्टी में लगातार बागियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। हालिया कार्रवाई सीतापुर के विधायक रामपाल यादव और उनके बेटे के खिलाफ की गई और उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता शिवपाल यादव का कहना है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पिछले साल छत्तीसगढ़ में एक विधानसभा सीट पर पिछले साल हुए उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच सौदेबाजी का मामला सामने आया है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने इस मामले में एक ऑडियो टेप जारी किया है जिससे राज्य की सियासत में तूफान खड़ा हो गया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने टेप विवाद में अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस मामले में चुनाव आयोग ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं।
बताया जाता है कि जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में अपने शुरू किए गए अखबार नेशनल हेराल्ड के कर्मचारियों से एक बार कहा था, हमें बनियागिरी नहीं आई। यदि सुब्रह्मण्यम स्वामी की कोशिशें सिरे चढ़ीं तो माना जाएगा कि शायद नेहरू के उत्तराधिकारी इस कला को सीख चुके हैं।
महाराष्ट्र के अखबार में रविवार को निकलने वाले सप्लीमेंट मंथन पेज पर एक लेख प्रकाशित हुआ। इस लेख को लेकर एक समुदाय में गुस्सा बढ़ गया और अखबार के कार्यालय में तोड़ फोड़ हुई।
क्या कोई बच्चा गणित का कठिन से कठिन सवाल तीन मिनट में हल कर सकता है। जवाब हां भी हो सकता है लेकिन 120 सवालों के जवाब अगर तीन मिनट में हल करना हो तो यह कैसे संभव है। लेकिन एबेकस तकनीकी के जरिए एक, दो या तीन बच्चें नहीं बल्कि तीन हजार बच्चों ने जब एक साथ सवालों के जवाब हल करना शुरू किया तो सभी ने दांतों तले उंगली दबा ली।
गाजियाबाद में सिख समुदाय ने आज 1984 के सिख विरोधी दंगे के पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग को लेकर बजरिया-गुरूद्वारा से लेकर जीटी रोड घंटाघर तक कैंडल लाइट मार्च निकाला।
यह सही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से ही भारत में छोटे-बड़े तमाम नेताओं ने सोशल मीडिया और इंटरनेट की ताकत का लोहा माना है। लेकिन ऐसा लगता है कि खुद भाजपा के नेताओं को अभी डिजिटल दुनिया के बारे में काफी कुछ सीखने की जरूरत है। बिहार चुनाव में भाजपा नेताओं की डिजिटल नासमझी के चलते नीतीश कुमार के खिलाफ चला दांव उल्टा पड़ गया और पार्टी की किरकिरी हुई सो अलग।