न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच मतभेदों का सिलसिला अभी भी जारी है। प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने एक बार फिर शनिवार को उच्च न्यायालयोें और न्यायाधिकरणों में न्यायाधीशों की कमी का मामला उठाया जबकि विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने जोरदार तरीके से इससे असहमति व्यक्त की।
आलोक कुमार और जितेन्द्र कुमार को नीति आयोग में पांच साल के लिए सलाहकार नियुक्त किया गया है। ये नियुक्तियां शनिवार से प्रभावी हो गई हैं। आलोक उत्तर प्रदेश कैडर के 1993 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जबकि जितेंद्र उत्तराखंड कैडर के 1987 बैच के भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं।
संविधान का अनुच्छेद 124 मूल रूप से यह कहता है, 'सुप्रीम कोर्ट के हर जज की नियुक्ति राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के संबंधित जजों से सलाह-मशविरे से करेंगें जिसमें भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) से हमेशा सलाह ली जाएगी। जजों की नियुक्ति एवं तबादले में किसकी चलेगी इसे लेकर न्यायपालिका और कार्यपालिका में 1980 के दशक से ही जोर-आजमाइश चल रही है।
आप सरकार से टकराव बढ़ाते हुए उपराज्यपाल नजीब जंग ने सरकार द्वारा पिछले चार दिन में की गई सभी नियुक्तियों को आज रद्द कर दिया और कहा कि नौकरशाहों के स्थानांतरण और नियुक्ति का आदेश देने के मामले में अधिकार केवल उनके पास हैं।