देश के निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने आज एक बार फिर लंबित मामलों की बढती संख्या के बीच न्यायाधीशों की कमी पर चिंता जताई और न्यायपालिका से भविष्य में चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित हो कि राष्ट्र एक समग्र समाज बना रहे।
सरकार को सबसे बड़ा वादी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि न्यायपालिका का बोझ कम करने की जरूरत है क्योंकि उसका अधिकांश समय ऐसे मामलों की सुनवाई करने में लग जाता है जिनमें सरकार एक पक्ष होती है। प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा स्थापित करने की भी वकालत की।