Advertisement

Search Result : "न्यायाधीशों की कमी"

चर्चाः न्यायाधीशों का नमन | आलोक मेहता

चर्चाः न्यायाधीशों का नमन | आलोक मेहता

न्यायाधीशों के प्रति संपूर्ण समाज में सर्वाधिक सम्मान होता है। निचली अदालतों के फैसलों को चुनौती दी जाती है और अंतिम सीढ़ी यानी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्वीकारा जाता है। कभी कभार बेहद मजबूरी होने पर राष्‍ट्रपति के दरवाजे खटखटाए जाते हैं। अदालतों को न्याय का मंदिर ही माना जाता है।
कैसे मिले जल्दी न्याय, हाईकोर्टों में 458 न्यायाधीशों की कमी

कैसे मिले जल्दी न्याय, हाईकोर्टों में 458 न्यायाधीशों की कमी

कानून मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में 458 न्यायाधीशों की कमी है। ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब न्यायपालिका और सरकार के बीच हाईकोर्टों में न्यायाधीशों की भावी नियुक्ति को दिशा देने वाले एक दस्तावेज के विभिन्न उपबंधों को लेकर मतभेद हैं।
देश के 13 राज्यों में सूखे की स्थिति, कृषि योग्य भूमि में लगातार कमी

देश के 13 राज्यों में सूखे की स्थिति, कृषि योग्य भूमि में लगातार कमी

देश के 13 राज्य गंभीर सूखे के संकट से जूझ रहे हैं। देश में औसतन हर साल 30 हजार हेक्टेयर खेती योग्य भूमि कम हो रही है। पर्यावरणविदों ने सरकार से मांग की है कि सूखे की समस्या के निपटारे के लिए दीर्घाकालीन पहल करने की जरूरत है।
जरा इधर भी ध्यान दें, सेना में 8600 अधिकारियों की है कमी

जरा इधर भी ध्यान दें, सेना में 8600 अधिकारियों की है कमी

सेना में चिकित्सा और दंत चिकित्सा कोर तथा सैन्य नर्सिग सेवा को छोड़कर 8,671 अधिकारियों की कमी है। यह जानकारी उच्च सदन राज्‍यसभा में दी गई।
...और जब गला भर आया देश के प्रधान न्यायाधीश का

...और जब गला भर आया देश के प्रधान न्यायाधीश का

देश के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और मुख्यमंत्रियों के संयुक्त सम्मेलन के दौरान एक क्षण ऐसा भी आया जब भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर बेहद भावुक हो गए और उनका गला भर आया।
मोदी के मन की बात, पानी से बढ़े जीडीपी

मोदी के मन की बात, पानी से बढ़े जीडीपी

देश के कई राज्यों के जल संकट से जूझने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पानी के संबंध में संवेदनशीलता जरूरी है क्योंकि शुद्ध पीने का पानी जीडीपी वृद्धि का कारण बन जाता है और इस दृष्टि से वर्षा का पानी, गांव का पानी, गांव में रोकने के लिए सामूहिक प्रयत्न करने की जरूरत है।
प्रदूषण नहीं, जाम में उल्लेखनीय कमी आई थी सम-विषम से: केजरीवाल

प्रदूषण नहीं, जाम में उल्लेखनीय कमी आई थी सम-विषम से: केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि जनवरी में लागू की गई सम-विषम योजना से प्रदूषण उम्मीद के अनुरूप कम नहीं हुआ था लेकिन इससे शहर में यातायात जाम को कम करने में उल्लेखनीय मदद मिली थी। सर्वोदय बालिका विद्यालय की एक छात्रा के सवाल का जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा, सम-विषम योजना से प्रदूषण कम हुआ था लेकिन उतना नहीं जितने की हमने उम्मीद की थी। हालांकि इससे यातायात जाम में उल्लेखनीय कमी आई थी। सड़कें खाली थीं और लोगों ने इसे बहुत पसंद किया।
चर्चाः उनको पानी नहीं पैसा चाहिए | आलोक मेहता

चर्चाः उनको पानी नहीं पैसा चाहिए | आलोक मेहता

पश्चिमी देशों की तरह भारत में क्रिकेट के धंधे में शामिल दादा लोग बोतलबंद पानी, जूस या विदेशी ब्रांड शराब पसंद करते हैं। क्रिकेट खेल की सर्वोच्च संस्था बीसीसीआई में कुछ उस्ताद ऐसे भी होंगे, जिन्होंने कभी गांव के कुएं, तालाब या नाले के किनारे किसी तरह पानी को निकालते या ले जाते लोगों के दर्शन ही नहीं किए। उन्हें पानी की कीमत का अंदाज नहीं है।