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राजनीति में आना चाहते हैं एक्टर पंकज त्रिपाठी, पार्टी ज्वाइन करने के सवाल पर कही ये बात

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इन दिनों पूरा देश चुनावी रंग में डूबा नजर आ रहा है। ऐसे में कई बॉलीवुड स्टार्स भी राजनीतिक पार्टियों के...
वसुंधरा राजे के खिलाफ 'थर्ड फ्रंट' का राग अलापने वाले बेनीवाल 10 जून को उतरेंगे मैदान में

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राजस्थान में बीते 4 साल से थर्ड फ्रंट का राग अलापने वाले योद्धाओं में से एक-एक कम होते-होते केवल एक पर आ...
राष्ट्रवाद की नई व्याख्या के दौर में नए सिरे से सोचने को मजबूर करती है 'राग देश'

राष्ट्रवाद की नई व्याख्या के दौर में नए सिरे से सोचने को मजबूर करती है 'राग देश'

फिल्म 'आजाद हिन्द फौज' के तीन जांबाज अफसरों के खिलाफ अंग्रेजों द्वारा लगाए देशद्रोह के मुकदमे के आसपास घूमती हुई देशद्रोह और देशभक्ति को बहुत सरल शब्दों में परिभाषित करती है।
इतिहास की परतें खोलती राग देश

इतिहास की परतें खोलती राग देश

निर्देशक तिग्मांशु धुलिया देशभक्ति में रंगी हुई राग देश लेकर हाजिर हुए हैं। विषय तो देशभक्ति है लेकिन उस दौर की जब उस पर राजनीति नहीं होती थी। फिल्म की कहानी 1945 की है।
रागदेश फिल्म बताएगी क्या है देशभक्ति

रागदेश फिल्म बताएगी क्या है देशभक्ति

तीन सैनिक। एक हिंदू, एक मुसलमान और एक सिख। तीनों ब्रिटिश इंडियन आर्मी के अफसर दूसरे विश्व युद्ध में सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी जॉइन कर लेते हैं। तीनों आजाद हिंद के लिए जापानियों के साथ मिलकर इम्फाल और बर्मा में जंग लड़ते हैं। जंग के बाद तीनों पर ब्रिटिश सरकार राजद्रोह और हत्या का मुकदमा चलाती है।