पुलिस ने बुधवार को उन पांच यात्रियों का पता लगाने का दावा किया जो उस बस में सवार थे जिसमें एक किशोरी से छेड़छाड़ के बाद उसे बाहर फेंक दिया गया जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इन यात्रियों के बयान दर्ज कर लिए हैं।
पंजाब सरकार ने सोशल मीडिया द्वारा राज्यों के लोगों से जुड़ने का फैसला किया है। इसके पीछे कारण है कि प्रदेश की जनता तक सरकार की योजनाएं पहुंचाई जा सकें और आम लोगों से सीधे बातचीत की जा सके। सरकार फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और वर्डप्रेस जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी बात रखेगी और जनता से मुखातिब होगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली जल्द ही सरकारी बैंकों के साथ बैठक कर उनमें हिस्सेदारी की बिक्री और बढ़ते एनपीए (बट्टे खाते में पड़ा धन) की समस्या पर चर्चा करेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए बढ़कर 2.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा, बैंक मुझसे मिलने आ रहे हैं। कुछ बैंक तात्कालिक मुद्दों के संबंध में मुझसे मुलाकात करने आ रहे हैं।
पंजाब के मुक्सतर जिले में एक बार फिर अकाली नेता की बस में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ और मारपीट की घटना सामने आई है। बस के कंडक्टर पर दो बहनों के साथ छेड़छाड़ और मारपीट करने का आरोप है। लड़कियां उसी बस में सफर कर रही थीं। मुक्तसर में बस के कंड्कटर ने दोनों बहनों से छेड़छाड़ और मारपीट करने के बाद उन्हें धक्का देकर बस से नीचे फेंक दिया।
आईपीएल-8 की खिताबी दौड़ में सबसे पीछे चल रही किंग्स इलेवन पंजाब ने आज कोलकाता नाइटराइटर्स के खिलाफ टीम भावना का प्रदर्शन करते हुए पांच विकेट पर 183 रन बनाए लेकिन किस्मत उसे फिर धोखा दे गई। एंड्रयू रसेल ने 21 गेंदों पर ही 51 रन बनाकर पंजाब के मंसूबे पर पानी फेर दिया। कोलकाता की टीम एक गेंद रहते एक विकेट से जीतने में सफल रही।
लेंडल सिमंस और पार्थिव पटेल के अर्धशतकों के बाद गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन से मुंबई इंडियन्स ने इंडियन प्रीमियर लीग में रविवार को किंग्स इलेवन पंजाब को 23 रन से हराकर जीत की हैट्रिक पूरी की। किंग्स इलेवन की यह लगातार चौथी हार है।
पंजाब के शिक्षा मंत्री सुरजीत सिंह राखड़ा ने यह कहकर एक विवाद को हवा दे दी है कि मोगा में छेड़छाड़ के बाद बस से धकेली गई लड़की की मौत ईश्वर की मर्जी थी।
केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से किसानों की मदद के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। फसलों को हुए नुकसान के सर्वे की रस्म अदायगी भी जारी है। लेकिन मेहनत की कमाई लुटा चुके किसानों के हाथ से मुआवजा अभी दूर है। दरअसल, फसलों के बीमा और मुआवजे की प्रक्रिया में इतने झोल हैं कि किसान तक सिर्फ आश्वासन ही पहुंच पाते हैं।