स्वयंभू हुक्मरान और आजादी का घुटता गला 'लेखक पेरुमल मुरुगन मर चुका है। वह कोई भगवान नहीं। लिहाजा वह फिर से जन्म नहीं लेगा। इसके बाद केवल पी. मुरुगन, एक अध्यापक ही जिंदा रहेगा।’ AUG 14 , 2015