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Search Result : "पीरजादा अब्‍बास सिद्दीकी"

उमर अब्‍दुला की सेल्‍फी

उमर अब्‍दुला की सेल्‍फी

जम्मू एवं कश्मीर में बेशक इन दिनों राजनीतिक माहौल ठीक नहीं है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला इन दिनों अपनी पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ सेल्‍फी के जरिये खूब तालमेल बैठा रहे हैं। युवाओं में उनके साथ सेल्‍फी को लेकर खासा क्रेज है।
पढ़ाई और क्रिकेट में फिसड्डी, राजनीति में ‘तेजस्वी’

पढ़ाई और क्रिकेट में फिसड्डी, राजनीति में ‘तेजस्वी’

बिहार में नीतीश कुमार का शपथग्रहण समारोह शुक्रवार को बड़े तामझाम से मनाया जा रहा है। वैसे तो राष्ट्रीय जनता दल के नेता नीतीश कुमार की तीन संतानों को मंत्री पद की शपथ दिलाए जाने की संभावना है लेकिन विश्वस्त सूत्र बताते हैं ‌कि उनके सबसे छोटे बेटे तेजस्वी यादव उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। तेजस्वी यादव ने महज नौवीं तक पढ़ाई की है जबकि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में मौका मिलने पर चार पारियों में सिर्फ तीन रन बनाए हैं।
बीफ पार्टी देने वाले विधायक को भाजपा विधायकों ने पीटा

बीफ पार्टी देने वाले विधायक को भाजपा विधायकों ने पीटा

कुछ भाजपा विधायकों ने बीफ पार्टी आयोजित करने पर निर्दलीय विधायक शेख अब्दुल राशिद के साथ आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मारपीट की। इस मामले पर विपक्ष ने काफी हंगामा किया और सदन का बहिष्कार कर दिया है।
आयलान कुर्दी: शरणार्थी संकट की भयावह तस्‍वीर

आयलान कुर्दी: शरणार्थी संकट की भयावह तस्‍वीर

तुर्की जलक्षेत्र में डूबे सीरियाई बच्चे की भयावह तस्वीरों ने पूरी दुनिया में लोगों की संवेदनाओं को झकझोर दिया है। तट पर मृत पड़े मिले तीन वर्षीय आयलान कुर्दी की तस्‍वीरें इंटरनेट पर वायरल होने के साथ ही यूरोप में शरणार्थी संकट पर बहस तेज छिड़ गई है। दुनिया भर में इस संकट की चर्चा हो रही है। यह बच्चा अपने परिवार के साथ नौका में सवार होकर यूनान जा रहा था लेकिन नौका बीच में ही डूब गई। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से यह अब तक का सबसे भीषण शरणार्थी संकट बताया जा रहा है।
एक अच्‍छे मुसलमान की यादगार | सुहैल हाशमी

एक अच्‍छे मुसलमान की यादगार | सुहैल हाशमी

तुम कितने तुच्छ, कंजूस और दिखावटी हो सकते हो इसका अंदाजा अभी हुआ। तुम ने तो उसका यश गाया था, उसका महिमा मंडन किया था, उसे अब तक के, लगभग सब से महान वैज्ञानिक की तरह प्रस्तुत किया था। उस पर तो सम्मानों और पदवियों की बारिश हुआ करती थी, उसे तो तुम ने देश के सब से बड़े नागरिक सम्मान से आभूषित किया था, उसे राष्ट्राध्यक्ष के पद पर आसीन किया था तुमने। और तुम्हीं ने तो हर गली, हर चौबारे से हर मकान की छत से ऐलान किया था कि यही है जनता का राष्ट्रपति !
शत्रुघ्न ने मांझी के बहाने डीएनए वाले बयान पर साधा निशाना

शत्रुघ्न ने मांझी के बहाने डीएनए वाले बयान पर साधा निशाना

भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अपने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने में नहीं चूक रहे। पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार के संग नजदीकियां बढ़ा रहे शत्रुघ्न ने इस बार मांझी द माउंटेन मैन फिल्म के बहाने नरेंद्र मोदी के डीएनए वाले बयान पर निशाना साधा है।
सच्ची प्रेम कहानी मांझी की

सच्ची प्रेम कहानी मांझी की

सच्ची घटनाओं को परदे पर उतारना अपने आप में मुश्किल काम है। वास्तविक चरित्र के बारे में दर्शकों की जानकारी कुछ ज्यादा ही होती है और वे फिल्म देखते वक्त भूल जाते हैं कि घटनाओं को परदे पर उतारने के लिए नाटकीयता का सहारा लेना जरूरी होता है। मांझी- द माउंटेन मैन इसी का उदाहरण है।
पाक उच्चायुक्त तलब, उल्‍टे भारत पर किया पलटवार

पाक उच्चायुक्त तलब, उल्‍टे भारत पर किया पलटवार

पाकिस्‍तान की ओर से संघर्ष विराम उल्‍लंघन के मुद्दे पर आज विदेश मंत्रालय ने पाक उच्‍चायुक्‍त अब्‍दुल बासित को तलब किया। लेकिन बासित ने उल्‍टे सीजफायर उल्‍लंघन के लिए भारत को ही जिम्‍मेदार ठहरा दिया है।
कलाम, याकूब और औसत मानस का मानचित्र

कलाम, याकूब और औसत मानस का मानचित्र

30 जुलाई को दो बहुचर्चित जनाजे निकले। एक खुले समुंदर के पास रामेश्वरम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ, तिरंगे में लिपटा। दूसरा, नागपुर केंद्रीय कारावास की कालकोठरी से निकाल फंदे पर झुला कर कब्रिस्तान के लिए रुखसत किया गया। एक सिंहासन चढ़ि चला तो एक बंधा जंजीर। काल की दो लीलाएं। मृत्यु के दो थिएटर। लेकिन एक ही देश के दो नागरिक, एक ही मजहब के दो लोग। हालांकि मृत्यु पूर्व जीवन के दो अलग-अलग रंगमंच। अब्दुल कलाम अपने रंगमंच पर भारतीय राज्य प्रतिष्ठान के हीरो और याकूब मेमन भारतीय राज्य प्रतिष्ठान का मुजरिम तो मुजरिम, विलेन भी। पहले को मौत के बाद भी मुख्यधारा जनमानस और सूचना-प्रचार तंत्र से ‘अमर रहे’ और ‘जिंदाबाद’ की विदाई। दूसरे के लिए मौत के पहले ही उसी मानस और तंत्र से ‘फांसी दो, फांसी दो’ तथा ‘मुर्दाबाद’ की गूंज जिसके आगे न्यायपालिका भी नतमस्तक हो गई।
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