उत्तराखंड में जून 2013 में आई विनाशकारी बाढ़ से मची तबाही के दौरान हजारों लोग कई दिनों तक भूखे रहने को मजबूर थे, बच्चे भूख से बिलबिला रहे थे, सर्दी- बीमारी काल बन निगल रही थी, उस वक्त राहत के काम में जुटे राज्य सरकार के अधिकारी मटन, चिकन और बेहतरीन खाने का लुत्फ उठा रहे थे। सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) के जरिये हुए इस सनसनीखेज खुलासे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सात पुलिसकर्मी शहीद हो गए और दस घायल हो गए हैं। हमले में 10 जवान जख्मी भी हुए हैं। नक्सलियों ने घात लगाकर एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के जवानों पर हमला किया।
तेलंगाना के नलगोंडा जिले में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा की गई गोलीबारी में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए है। हमलावर का अब तक तक पता नहीं चल पाया है।
जयंत मलैया और उनकी पत्नी से चलती ट्रेन के वातानुकूलित डिब्बे में खंजर दिखाकर सोने की चेन, अंगूठी और कुछ नकदी लूट ली गई। दंपती दिल्ली आने के लिए दमोह से ट्रेन में सवार हुआ था।
बिना भारतीय व्यवस्था में भ्रष्टाचार के क्या पाकिस्तानी आतंकवादी भी मुंबई में संहार कर सकते थे? उनके पास चार-चार सौ डॉलर के नोट मिले। कुछ रिपोर्टों के अनुसार समुद्र मार्ग से अवैध घुसपैठ कराने के लिए तटरक्षकों की रिश्वत दर 400 डॉलर है। अन्य रिपोर्टों के अनुसार कथित कठोर प्रशासन वाले गुजरात की कई मछुआरी नौकाएं विदेशी तस्करों के साथ संलिप्त हैं और शायद इसीलिए आतंकवादी ऐसी एक नौका को इतनी सरलता से गिरफ्त में लेकर मुंबई आ सके। लेकिन आतंकवादी विरोधी कठोर कानून, पाकिस्तान को कठोर कार्रवाई की धमकी और कुछ नेताओं का इस्तीफा मांगने वाले कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ इतनी सक्रियता क्यों नहीं दिखाते?