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Search Result : "पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’"

कमल में रंग भरने के बाद शुरू हुई राजनीतिक अटकलों पर हंसे नीतीश

कमल में रंग भरने के बाद शुरू हुई राजनीतिक अटकलों पर हंसे नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी चित्रकार बौआ देवी द्वारा बनाए गए कमल के एक फूल में रंग भरने के बाद राजनीतिक अटकलों :भाजपा और जदयू के एकबार फिर करीब आने: का बाजार गर्म होने को लेकर हंसे।
उत्तर प्रदेश में SCAM को उखाड़ फेंक, खिलाना होगा कमल: पीएम

उत्तर प्रदेश में SCAM को उखाड़ फेंक, खिलाना होगा कमल: पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मेरठ में रैली कर रहे हैं। अपार जनसमूह के बीच उन्होंने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि उत्तरप्रदेश के चुनाव का बिगुल बजाने के लिए इस धरती से शुरूआत का अवसर मिला। पीएम मोदी ने कहा कि मेरठ का आजादी के आंदोलन में बड़ी भूमिका है। यहां के मंगल पांडे ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई की थी। उस समय अंग्रेजों से मुक्ति की लड़ाई थी, अब भ्रष्टाचार से मुक्ति की लड़ाई है।
62 के हुए कमल हासन, प्रशंसक नहीं मनाएंगे जन्मदिन

62 के हुए कमल हासन, प्रशंसक नहीं मनाएंगे जन्मदिन

मशहूर अभिनेता कमल हासन आज 62 वर्ष के हो गए लेकिन उनकी अपील पर प्रशंसक उनके जन्मदिन पर किसी तरह के समारोह का आयोजन नहीं करेंगे। अभिनेता ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के अस्पताल में भतर्ी होने की वजह से प्रशंसकों से जन्मदिन नहीं मनाने की अपील की थी।
संविधान संशोधन सरकार की शीर्ष प्राथमिकता: प्रचंड

संविधान संशोधन सरकार की शीर्ष प्राथमिकता: प्रचंड

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने आज कहा कि नए संविधान में संशोधन नेपाली सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और मुद्दे के समाधान के लिए एक संघीय आयोग का जल्द गठन किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी मधेसियों की मांगों को समाहित करने के लिए लचीला रूख बनाने की जरूरत है।
प्रचंड ने की मोदी से मुलाकात, दोनों पक्षों में हुए तीन अहम समझौते

प्रचंड ने की मोदी से मुलाकात, दोनों पक्षों में हुए तीन अहम समझौते

भारत यात्रा पर आए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पड़ोसी देश के राजनीतिक परिवर्तन से गुजरने के बीच भारत ने वहां सभी वर्गों की आकांक्षाओं को समावेशित कर देश के संविधान के क्रियान्वयन की वकालत की और इस हिमालयी राष्ट्र में चीन द्वारा अपने पैर जमाने की कोशिशों के बीच उसे सभी संभव सहायता का आश्वासन दिया।
आपसी सहयोग बढ़ाने का एजेंडा लेकर भारत पहुंचे प्रचंड

आपसी सहयोग बढ़ाने का एजेंडा लेकर भारत पहुंचे प्रचंड

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर गुरुवार को भारत पहुंचे। उनकी इस तीन दिवसीय यात्रा का मकसद भारत और नेपाल के संबंधों में आई कड़वाहट को दूर करने के साथ ही भूकंप के बाद पुनर्निर्माण, पनबिजली परियोजनाएं और सड़क निर्माण के लिए भारत से मदद मांगना है।
नेपाली पीएम दहल चीन के बजाए भारत पहले आ रहे, अंदाज भी है नरम

नेपाली पीएम दहल चीन के बजाए भारत पहले आ रहे, अंदाज भी है नरम

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्‍प कमल दहल प्रचंड अगस्त में पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए चीन की जगह भारत को चुना। प्रचंड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर 15 से 18 सितंबर तक भारत के दौरे पर होंगे। प्रचंड का अंदाज भी पहले के मुकाबले नरम है। लिहाजा यह यात्रा भारत-नेपाल संबंधों को लेकर काफी महत्‍वपूर्ण होगी।
प्रचंड के भारत दौरे से नेपाल की चीन नीति में `यू-टर्न’ के आसार

प्रचंड के भारत दौरे से नेपाल की चीन नीति में `यू-टर्न’ के आसार

दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पुष्प कुमार दहल प्रचंड 15 सितंबर से तीन दिन के आधिकारिक दौरे पर भारत आ रहे हैं। भारत और नेपाल के संबंधों को लेकर प्रचंड का एजेंडा कितना सकारात्मक होगा- यह सवाल राजनयिक और राजनीतिक गलियारों में शिद्दत से चक्कर काट रहा है। प्रचंड के पूर्ववर्ती के.पी. शर्मा ओली का चीन के प्रति झुकाव जगजाहिर रहा है। इस कारण नेपाल में भारत के प्रति दुर्भावना बढ़ी है। ऐसे में प्रचंड की प्राथमिक चुनौती भारत के साथ संबंधों की नीतियां दुरुस्त करना होगी।
कमल खिलाने की खातिर कल जुटेगा भाजपा का कोर समूह

कमल खिलाने की खातिर कल जुटेगा भाजपा का कोर समूह

पूरा भारत कमलमय हो इसके लिए रणनीति बनने लगी हैं। जिन प्रदेशों में चुनाव हैं वहां विशेष जोर दिया जाने वाला है। कल इसी के लिए भारतीय जनता पार्टी का कोर ग्रुप जुट कर माथापच्ची करेगा।
नेपाल में प्रचंड दाेबारा प्रधानमंत्री बने

नेपाल में प्रचंड दाेबारा प्रधानमंत्री बने

नेपाल में माओवादी नेता पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड दोबारा प्रधानमंत्री पद पर चुन लिए गए हैं। प्रचंड के अलावा किसी ने भी पद के चुनाव के लिए पर्चा नहीं भरा था। ऐसे में उनका प्रधानमंत्री चुना जाना लगभग तय था। सीपीएन-माओवादी सेंटर के अध्यक्ष ने अपनी उम्मीदवारी के पेपर संसदीय सचिवालय में दाखिल किए थे। उनका समर्थन नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और माओवादी नेता कृष्ण बहादुर महारा नेे किया।
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