असल में यह पोस्टर एक सीरीज का हिस्सा है, जिसमें किसी असली या काल्पनिक प्रभावशाली व्यक्ति की तस्वीर लगाकर लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जाता है। इस सीरीज में महात्मा गांधी और बाहुबली को भी दिखाया जा चुका है।
लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की चर्चा लंबे समय से थी। इसमें फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है। उन्होंने इस फिल्म में इतने कट सुझाए थे कि फिल्म की रील छलनी की तरह ही निकल कर आती।
एक लड़का था बरेली का, कम उम्र में मां को खो दिया। मां का जाना,पिता से बर्दाश्त न हुआ तो पिता ने अपना मनसिक सन्तुलन खो दिया। फिर कुछ ही दिनों में ननिहाल, बिजनौर (उत्तर प्रदेश) चला आया।
राष्ट्रपति चुनाव में सत्तादल द्वारा रामनाथ कोविंद के उम्मीदवार बनाये जाने से जहां एक ओर एकजुट होते विपक्ष में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है, वहीं वाम मोर्चा की ओर से प्रकाश अंबेकर का नाम आगे आया है। मोर्चा ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते और पूर्व सांसद प्रकाश के नाम पर अन्य विपक्षी दलों की सहमति लेने की कवायद शुरू कर दी है।
जेएनयू में एमफिल और पीएचडी की सीटें घटाने के विवाद पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अपनी दलीलें हैं लेकिन वह कहते हैं कि उनके लिए देश में उच्च शिक्षा और शोध को बढ़ावा देना पहली प्राथमिकता है।
लंबे समय से विवादों में फंसी फिल्म अंततः 28 जुलाई को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो ही जाएगी। लिपस्टिक अंडर माय बुर्का को सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा था। निर्माता प्रकाश झा और निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने फिल्म की रीलिज के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।
टीचर भर्ती घोटाले मामले में जेल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सिंह चौटाला आज एक बार फिर चर्चा में बने हुए हैं। यह काम कोई और नहीं बल्कि उनकी पढ़ाई को लेकर है। चौटाला ने जेल में रहते हुए 12वीं की परीक्षा पास कर ली है।