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Search Result : "प्रख्यात चित्रकार रामकुमार"

चित्रों में चिंता

चित्रों में चिंता

कला दो रूपों में सबसे ज्यादा चोट करती है। या तो वह मन प्रसन्न कर दे या खिन्न। प्रतुल दास की कला में दोनों...
टेनिस: 222वीं रैंकिंग वाले रामकुमार ने वर्ल्ड नंबर 8 को दी मात, जानिए इस खिलाड़ी के बारे में

टेनिस: 222वीं रैंकिंग वाले रामकुमार ने वर्ल्ड नंबर 8 को दी मात, जानिए इस खिलाड़ी के बारे में

भारत के खिलाड़ियों का आजकल सुनहरा दौर चल रहा है। क्रिकेट के इतर दूसरे खेलों में भारतीय खिलाड़ी आए दिन बड़े उलटेफेर कर तहलका मचा रहे हैं। हाल ही में बैडमिटंन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने इंडोनेशिया ओपन और ऑस्ट्रेलिया ओपन जीतकर कीर्तिमान स्थापित किया था।
श्रीधरणी गैलरी में ‘10 आर्टिस्ट’ प्रदर्शनी 24 से

श्रीधरणी गैलरी में ‘10 आर्टिस्ट’ प्रदर्शनी 24 से

आर्ट हेरिटेज की कल यानी 24 फरवरी से दिल्ली के मंडी हाउस क्षेत्र स्थित त्रिवेणी कला संगम की श्रीधरणी गैलरी में ‘दस चित्रकार’ (10 आर्टिस्ट) शीर्षक चित्रकला प्रदर्शनी शुरू हो रही है।
डेविस कपः भारत ने न्यूजीलैंड को 4-1 से हराया

डेविस कपः भारत ने न्यूजीलैंड को 4-1 से हराया

रामकुमार रामनाथन और यूकी भांबरी ने उलट एकल मुकाबले जीतकर आज पुणे में डेविस कप एशिया ओसनिया ग्रुप ए के पहले दौर के मुकाबले में भारत ने न्यूजीलैंड को 4-1 से हरा दिया। रामकुमार ने बालेवाड़ी में शिव छत्रपति खेल परिसर में तेज हवा के बावजूद न्यूजीलैंड के प्रतिद्वंद्वी फिन टीयर्ने को पूरे दो घंटे में 7-5, 6-1,6-0 से शिकस्त दी। युकी भांबरी ने दूसरे उलट एकल में जोस स्टेथम को 7-5 3-6 6-4 से हराकर भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ डेविस कप मुकाबले में 4-1 की जीत दिलाई।
भारतीय बहुलवाद कर रहा है एक बड़े खतरे का सामना : रामचंद्र गुहा

भारतीय बहुलवाद कर रहा है एक बड़े खतरे का सामना : रामचंद्र गुहा

प्रख्यात इतिहासकार और जीवनीकार रामचंद्र गुहा ने आज कहा कि भारतीय बहुलवाद सबसे बड़े खतरों में से एक खतरे का सामना कर रहा है। यह खतरा उसे उन धार्मिक राष्ट्रवादियों से है, जो इसे कमजोर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
विभाजन के बाद महात्मा गांधी के कारण एस एच रजा ने भारत नहीं छोड़ा था

विभाजन के बाद महात्मा गांधी के कारण एस एच रजा ने भारत नहीं छोड़ा था

देश की आजादी के समय 1947 में हुए विभाजन के बाद परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बावजूद मशहूर चित्रकार सैयद हैदर रजा ने भारत में ही रहने का फैसला किया था। उनके इस फैसले के पीछे उनकी मातृभूमि के प्रति वफादारी तो थी ही, लेकिन इसकी एक वजह महात्मा गांधी के प्रति उनका लगाव भी था।
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