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दशहरा पर बुराई के प्रतीक के साथ आतंकवाद के पुतले भी जले

दशहरा पर बुराई के प्रतीक के साथ आतंकवाद के पुतले भी जले

देशभर में बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर लोगों ने आज रावण, उसके बेटे मेघनाद और भाई कुंभकर्ण के पुतले जलाने की परंपरा के साथ दशहरा मनाया। इस बार आतंकवाद और आतंकवादियों के प्रतीक के रूप में भी पुतले जलाए गए। सुरक्षाकर्मियों की पैनी नजर के बीच देशभर में पटाखों से भरे इन पुतलों के दहन के साथ दशहरा का त्यौहार शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया।
चर्चाः ‘हुजूर’ के लिए करोड़ों के गुलदस्ते | आलोक मेहता

चर्चाः ‘हुजूर’ के लिए करोड़ों के गुलदस्ते | आलोक मेहता

देश के 33 करोड़ लोग सूखे और जल संकट से परेशान हैं, लेकिन शहरों और गांवों तक पहुंचने वाले नेताओं, मंत्रियों के स्वागत-सम्मान में गुलदस्ते, फूलमाला, प्रतीक चिह्न भेंट करने पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं।
छोटे व्यवसासियों का गला घोंट रही है मोदी सरकार: राहुल गांधी

छोटे व्यवसासियों का गला घोंट रही है मोदी सरकार: राहुल गांधी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज आभूषण व्यवसायियों के समर्थन में जंतर मंतर पहुंचे। केंद्र सरकार के गैर चांदी वाले आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाए जाने के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे आभूषण कारोबारियों के समर्थन में उतरे कांग्रेस उपाध्यक्ष ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि सरकार का यह कारोबारियों का गला घोंटने का प्रयास है और यह फैसला बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है।
नेहरू की हठ के चलते अधूरा अशोक स्तंभ बना राष्ट्रीय प्रतीक

नेहरू की हठ के चलते अधूरा अशोक स्तंभ बना राष्ट्रीय प्रतीक

अशोक स्तंभ का जो स्वरुप हमारा राष्ट्रीय चिह्न है, वह अशोक स्तंभ का वास्तविक स्वरुप नहीं है। दरअसल असल अशोक स्तंभ में एक चक्र ऊपर भी था जिसमें 32 तीलियां थीं। जब अशोक स्‍तंभ को राष्‍ट्रीय चिह्न के तौर पर अपनाया जा रहा था तब एक सांसद ने इस ओर नेहरू का ध्यान आकृष्ट भी कराया लेकिन उन्‍होंने इसकी अनदेखी कर दी थी।
कूड़ेदान में डालो कूड़ा, पाओ मुफ्त वाईफाई कोड

कूड़ेदान में डालो कूड़ा, पाओ मुफ्त वाईफाई कोड

क्या हो यदि सार्वजनिक स्थान पर कचरे को निर्धारित जगह यानी डस्टबिन में डाला जाने लगे। कितना अहमकाना सवाल है। जाहिर है सभी जगह साफ-सफाई रहने लगेगी। लेकिन ऐसा कम ही लोग करते हैं। लेकिन यदि सार्वजनिक स्थानों पर डस्टबिन में कचरा फेंकने के एवज में मुफ्त वाईफाई की सुविधा मिलने लगे तो सोच कर देखिए माहौल कैसा हो जाएगा।
पुराने मकान संस्कृति के प्रतीक हैं

पुराने मकान संस्कृति के प्रतीक हैं

कोलकाता की आलीशान और यूरोपीय बंगाली वास्तुशिल्प की बेजोड़ मिसाल बन चुके पुराने आलीशान मकानों को अंधाधुंध तरीके से ढहाने से बचाने के लिए नए कानून और उपायों की जरूरत को रेखांकित करते हुए प्रख्यात अंग्रेजी लेखक अमित चौधरी का कहना है कि ये महानगर की पहचान हैं और एक समृद्ध संस्कृति को अपने में समेटे हुए हैं। ब्रिटिश काउंसिल और यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंजलिया द्वारा आयोजित एक परिचर्चा से इतर 2002 के साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता चौधरी ने कहा कि कोलकाता की बहुत सी ऐसी इमारतें समृद्ध वास्तुकला का अद्भुत नमूना हैं।
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