Advertisement

Search Result : "प्रशांत किशोर का पुश्तैनी घर"

बंट गई आम आदमी पार्टी

बंट गई आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी आखिर दो गुटों में बंट ही गई। एक गुट मुख्य‍मंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में तो दूसरा योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के समर्थन में। दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद पहली बार आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जो हंगामा हुआ उसकी पटकथा पहले से ही तैयार थी।
'आप' की राष्ट्रीय कार्यकारणी से योगेंद्र-भूषण बाहर

'आप' की राष्ट्रीय कार्यकारणी से योगेंद्र-भूषण बाहर

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व को चुनौती देने वाले आप के संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को आज राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भारी बहुमत से पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी से बाहर कर दिया गया। इन दोनों नेताओं ने इस कदम को लोकतंत्र की हत्या करार दिया।
योगेंद्र-प्रशांत ‘आप’ राष्ट्रीय परिषद से बाहर

योगेंद्र-प्रशांत ‘आप’ राष्ट्रीय परिषद से बाहर

केजरीवाल गुट ने प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल दिया गया है। दिल्ली में हुई पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग के दौरान हंगामें की ख़बरें हैं। योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने मीटिंग से बाहर निकलने के बाद बताया कि उनके समर्थकों के साथ मीटिंग के दौरान मारपीट की गई।
केजरीवाल पर तानाशाही का आरोप

केजरीवाल पर तानाशाही का आरोप

आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर पार्टी में अंदरूनी लोकतंत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। प्रशांत और योगेंद्र ने दिल्ली के प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस कर यह बात कही। इन दोनों असंतुष्ट नेताओं के साथ अब पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर आनंद कुमार भी खुलकर सामने आ गए हैं। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रोफेसर कुमार भी मौजूद थे।
केजरीवाल के नाम योगेंद्र-प्रशांत का एक और खुला खत

केजरीवाल के नाम योगेंद्र-प्रशांत का एक और खुला खत

आम आदमी पार्टी में दो गुटों का संघर्ष अपने चरम पर है। 28 मार्च को होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ एक और खुला खत लिखा है।
प्रशांत-योगेंद्र ने क्या लिखा खत में

प्रशांत-योगेंद्र ने क्या लिखा खत में

आप नेता योगेन्द्र यादव ने आज एक नोट सार्वजनिक किया जिसे उन्होंने प्रशांत भूषण के साथ मिलकर लिखा है और उन्होंने 17 मार्च को पार्टी को भेजा था जिसमें प्रस्ताव दिया था कि उनकी मांगें स्वीकार किए जाने पर वे पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं।
इस्तीफा दिया नहीं, फिर भी स्वीकार

इस्तीफा दिया नहीं, फिर भी स्वीकार

आम आदमी पार्टी में योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण के इस्तीफे को लेकर घमासान मच गया है। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के मुताबिक दोनों नेताओं का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है जबकि योगेन्द्र और प्रशांत का कहना है कि उन्होने इस्तीफा नहीं दिया है।
भूषण ने फिर उठाया 'आप' में लोकतंत्र का मामला

भूषण ने फिर उठाया 'आप' में लोकतंत्र का मामला

आम आदमी पार्टी के असंतुष्ट नेता प्रशांत भूषण ने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को नया पत्र लिखकर उन मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया है जिन्हें वह उठाने की कोशिश करते रहे हैं। भूषण ने इन खबरों को भी खारिज कर दिया कि अगर केजरीवाल उनकी मांगों को मान लेते हैं तो वह राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटने को तैयार हैं।
‘आप’ का स्वराज कहां है भई?

‘आप’ का स्वराज कहां है भई?

भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति, प्रत्यक्ष लोकतंत्र (डायरेक्ट डेमोक्रेसी), स्वराज जैसे जुमलों को हवा में उछाल कर जिस तरह आम आदमी पार्टी यानी ‘आप’ दिल्ली की सत्ता में आई। उसे जनता के एक बड़े हिस्से ने भारतीय राजनीति में बदलाव की ताकत के तौर पर देखा। लेकिन पार्टी के मुख्य हीरो जिस तरह लगातार इन शब्दों का मजाक उड़ाते रहे उससे नाराज लोग अब सवाल उठाने लगे हैं कि यह आप का स्वराज है कहां? आप की भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति की पोल अब पूरी तरह खुल चुकी है। यह भी साबित हो चुका है कि पार्टी का केजरीवाल गुट किसी भी तरह से सत्ता में आना और बने रहना चाहता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में जिस तरह से आपराधिक, धनबली और बाहुबली प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया उस पर सवाल तो उठे थे लेकिन केजरीवाल गुट के मीडिया मैनेजरों ने कभी भी इन्हें मुख्य सवाल नहीं बनने दिया। क्या अपराधियों और बाहुबलियों को साथ लेकर कोई भ्रष्टाचार विरोधी लड़ी जा सकती है। यह सवाल उठाना अब पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को महंगा पड़ रहा है क्योंकि कल के उम्मीदवार आज चुनाव जीत चुके हैं और दोनों नेताओं को ठिकाने लगाने के लिए अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे हैं।
यादव को आप के विष से अमृत निकलने की उम्मीद

यादव को आप के विष से अमृत निकलने की उम्मीद

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही पार्टी में सब ठीक हो जाएगा। लगातार उनके ट्वीट और फेसबुक पेज के अपडेट्स बता रहे हैं कि उन्हें भरोसा है कि इस विष से अमृत निकलेगा।
Advertisement
Advertisement
Advertisement