साहित्य उत्सव या लिट फेस्ट अब स्कूल तक पहुंच गए हैं। अब तक इस तरह के उत्सव किसी शहर में बड़े साहित्यकारों के बीच ही होते थे। यह पहली बार है कि किसी स्कूल ने अपने यहां साहित्योत्सव आयोजित किया है।
मुंबई के उपनगर कुर्ला में एक स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका ने यह आरोप लगाते हुए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया कि उनकी नवनियुक्त वरिष्ठ के निर्देशों के कारण उनकी धार्मिक भावनाओं के साथ समझौता किया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी हमेशा यह दावा करती है कि उसके शासित राज्यों में शासन व्यवस्था बहुत अच्छी है मगर यह दावा कम से कम मध्य प्रदेश के पैमाने पर खरा नहीं उतरता। मध्य प्रदेश के करीब 5 हजार सरकारी स्कूल आज भी ऐसे हैं, जहां छात्र तो हैं मगर शिक्षक नहीं हैं।
केरल में माकपा नीत एलडीएफ की सरकार ने आज कहा कि नोटबंदी के बाद नकदी की समस्या के कारण वाणिज्य और व्यवसाय में गिरावट आने से इस महीने दो हजार करोड़ रूपये के कर नुकसान की आशंका है।
विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों के भविष्य पर महाराष्ट्र सरकार विधि एवं न्यापालिका विभाग से विचार-विमर्श करेगी।
दिल्ली सरकार सम-विषम योजना फिर से शुरू करने को लेकर इस सप्ताह के बाद एक आकलन बैठक का आयोजन करेगी जबकि सूत्रों ने संकेत दिया कि कारों की संख्या में कमी लाने वाली इस योजना का तीसरा चरण स्कूलों में सर्दी की छुट्टियों के दौरान शुरू किया जा सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कल कहा था कि आप सरकार सम-विषम योजना फिर से लाने की संभावना पर विचार कर रही है।
राजधानी के लोग 17 साल के सबसे घने स्मॉग (धुंध) का सामना कर रहे हैं। इसे देखते हुए दिल्ली के 1800 स्कूलों में शनिवार को छुट्टी कर दी गई है। अगर सोमवार को भी हालात ठीक नहीं होते हैं तो छुट्टी बढ़ाई जा सकती है। सेंटर फॉर साइंस एन्वार्यन्मेंट (सीएसई) ने सरकार से कहा था कि इसे इमरजेंसी के तौर लेना चाहिए और बच्चों को घर में रहने की सलाह दी जानी चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि खेतों में कचरा जलाने से पॉल्यूशन बढ़ रहा है।
प्रख्यात उद्योगपति रतन टाटा ने देश में कथित रूप से बढ रही असहिष्णुता पर चिंता व्यक्त की और कहा, असहिष्णुता एक अभिशाप है, जिसे हम पिछले कुछ दिनों से देख रहे हैं।
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही आंकड़ों से अपने लिए बवाल खड़ा कर दिया। मामला पोषाहार बजट का है। सरकार ने बजट ज्यादा दिखाने के लिए आंकड़ों में एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का दावा किया है। लेकिन यह आंकड़ा खुद सरकार के लिए ही मुसीबत खड़ी करने वाला है।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि विश्व के करीब 60 लाख शरणार्थी बच्चों की आधी से भी कम संख्या स्कूल में पढ़ती है जिसका अर्थ यह हुआ कि वैश्विक औसत की तुलना में उनके शिक्षा प्राप्त करने की संभावना पांच गुना कम है।