कलम, किताब, चम्मच, प्लेट महिलाओं के लिए हथियार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा वे अपनी उंगलियों, मुक्कों और अपने पावों से भी बुरी नजर डालने वाले मजनुओं को ढेर कर सकती हैं।
फोलियो पुरस्कार प्राप्त लेखक जॉर्ज सौंडर्स अपना नया उपन्यास लिंकन इन द बाड्रो लेकर आए हैं। एक अकेली रात की पृष्ठभूमि पर आधारित इस उपन्यास में लेखक ने 11 वर्षीय बेटे विली की मौत से आहत अब्राहम लिंकन के दुख को दर्शाया गया है। यह वही वक्त था जब अमेरिका में गृहयुद्ध को लेकर नाराजगी उफान पर थी।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर पेंग्विन रैंडम हाउस से आई नई किताब 'डिफीट इज एन ऑर्फन : हाउ पाकिस्तान लॉस्ट द ग्रेट साउथएशियन वार' में कहा गया है कि अगर भारत को नियंत्रण रेखा के पार हमलों के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन है तो वह इसलिए क्योंकि पाकिस्तान की ओर से जिहादियों के हमले को भारत ने 1998 से बेहद सावधानीपूर्वक नियंत्रित किया हुआ है। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी के पूर्ववर्तियों का धन्यवाद है।
इस्लामी शिक्षा के बड़े संस्थान में उर्दू-अरबी और फारसी की पुरानी रचनाओं का होना कोई बडी बात नहीं। लेकिन इस्लाम से संबंधित पुस्तकों के जखीरे में संस्कृत में रचित ऋगवेद से लेकर रामायण व भगवत गीता को करीने से संजोकर रखा जाए तो यह काफी रोचक बात है। देवबंद के मशहूर इस्लामी शिक्षा केन्द्र दारूल उलूम में ये प्राचीन हिन्दू धार्मिक ग्रंथ कुरान समेत मजहबी इस्लामी शिक्षा से जुड़ी पुस्तकों के साथ प्रमुखता से उसके पुस्तक खजाने का हिस्सा हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद के निधन से जुड़ी परिस्थितियों की आज संसद में व्यापक जांच की मांग की गई। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में विपक्ष ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि बजट पेश करने के लिए सरकार ने अहमद के निधन की खबर को दबाए रखा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेेता ई. अहमद का दिल का दौरा पड़ने के बाद देर रात निधन हो गया। एक वरिष्ठ चिकित्सक ने अहमद के निधन की पुष्टि की है। वह 78 वर्ष के थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज आईयूएमएल सांसद ई. अहमद के निधन पर शोक जताया। पीएम और राष्ट्रपति ने देश की भूमिका में सांसद ई. अहमद के योगदान को याद किया और कहा कि उन्होंने देश की अथक सेवा की।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद के निधन के बाद भी केंद्रीय बजट पेश किये जाने के सरकार के रुख की आलोचना की और आरोप लगाया कि इस खबर को जारी करने में देरी की गयी ताकि बिना किसी अवरोध के बजट पेश किया जा सके।