देश के सामाजिक ताने-बाने को हमेशा के लिए बदल कर रख देने वाले 1984 के सिख विरोधी दंगों की रोंगटे खड़े करने वाली दास्तां को कहानियों के रूप में एक नई किताब में पेश किया गया है।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से गायब एमएससी (बायोटेक्नो लॉजी) प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद को लेकर कैंपस का माहौल गर्म है। बार फिर यहां लाल और भगवा ब्रिगेड आमने-सामने हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पूरे मामले को लेकर दिल्लीड पुलिस कमिश्नैर आलोक वर्मा से भी बात की है। उन्होंने दिल्ली पुलिस को लापता छात्र का पता लगाने के लिए विशेष टीम गठित करने का निर्देश दिया।
दुनिया में कस्तूर को खुशबू के लिए जाना जाता है और उसका नाम इसी पर रखा गया था। वह रईस कपाड़िया परिवार में सबसे छोटी थी, जो विदेशों में कपड़े, अनाज और कपास के कारोबार का स्थापित घराना था। बाद में दुनिया में उन्हें कस्तूरबा के नाम से जाना गया। वह एक ऐसे व्यक्ति की पत्नी बनीं, जिसे शांति के दूत के रूप में दुनिया भर में सम्मान प्राप्त हुआ। कस्तूरबा की शादी बचपन में ही मोहनदास से हो गयी थी। मोहनदास स्वयंधर्मी और दबंग पति थे।
दिल्ली के उपहार सिनेमा हादसे के 59 पीड़ितों में से दो के माता-पिता ने इस सदमे तथा न्याय के लिए अपनी लंबी लड़ाई पर एक किताब लिखी है। ट्रायल बाय फायर का प्रकाशन पेंगुइन रेंडम हाउस इंडिया ने किया है।
एसिड पीड़िताओं की पीड़ा वही समझ सकता है जो कम से कम एक बूंद एसिड अपने शरीर पर डाल कर उसका दर्द बर्दाश्त करे। यही लब्बोलुआब था दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में, प्रतिभा ज्योति की, तेजाब वार से घायल सघर्षशील महिलाओं का दर्द-ए-दास्तां हूबहू बयां करती पुस्तक ‘एसिड वाली लड़की ’ के लोकार्पण के प्रमुख वक्ताओं के वक्तव्य का।
आतंकवाद के आरोप में 23 वर्ष सलाखों के पीछे बिताने के बाद बाइज्जत बरी होकर आए निसार अहमद ने जब अपनी दास्तां सुनाई तो सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए। मौका था इनोसेंट नेटवर्क इंडिया द्वारा कॉन्सटीट्यूशन क्लब में आयोजित समारोह का, जिसमें आतंकवाद के आरोप में बाइज्जत रिहा होने वाले मुस्लिम लड़कों को न्याय दिलवाने की पुरजोर मांग उठाई गई।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी की पुस्तक सिटीजन एंड सोसायटी का विमोचन किया। किताब में अंसारी ने देश में विभिन्न थीमों पर दिए गए अपने लेक्चरों को शामिल किया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वह कई किताबों को भेंट स्वरुप पाते हैं। लेकिन यह पुस्तक उनके लिए विशेष तौर पर खास है क्योंकि इसको महान भारत के उप राष्ट्रपति मोहम्मद अंसारी ने लिखी है, जो एक प्रबुद़ध विद़वान और सचेत नागरिक के रुप में समूचे देश में शुमार हैं।
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में कलेक्टोरेट परिसर में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की आत्मकथा 'मेरा देश मेरा जीवन' रद्दी में पड़ी है। वह भी एक-दो नहीं, बल्कि 500 किताबें। इन्हें विभाग ने ही अनुपयोगी और रद्दी बताकर फेंक दिया है। पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के अफसरों का तर्क है कि जिन किताबों की समाज को जरूरत है, उन्हें मंगा कर थक गए हैं। ऐसी किताबों को बांटने के लिए अफसर दबाव दे रहे हैं, जिन्हें दीमक भी नहीं खा रहे।
अमेरिका के एक पुस्तकालय ने अपनी लापता पुस्तकों की करीब दो लाख डालर की लागत को वसूलने की कोशिश के तहत तय अवधि से अधिक पुस्तकें रखने वालों को जुर्माने और जेल की सजा देने का फैसला किया है। यह कदम कई भुलक्कड़ लोगों को परेशानी में डाल सकता है।