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Search Result : "बच्चे को गोद कैसे लें"

पीएम मोदी बताएं, कैशलेस लेन-देन गांवों में कैसे कराएंगे : अखिलेश

पीएम मोदी बताएं, कैशलेस लेन-देन गांवों में कैसे कराएंगे : अखिलेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैशलेस सोसाइटी की वकालत पर सवाल खड़े करते हुए रविवार को कहा कि गांवों में रहने वाली आधी से ज्यादा आबादी को लेन-देन के इन डिजिटल तरीकों के बारे में बताने के लिये केन्द्र सरकार ने कोई तैयारी नहीं की है।
भाजपा सांसदों के गोद लिए गांव में बैंक ही नहीं, ग्रामीण कहां जमा कराए पैसे?

भाजपा सांसदों के गोद लिए गांव में बैंक ही नहीं, ग्रामीण कहां जमा कराए पैसे?

पीएम नरेंद्र मोदी की नोटबंदी के बाद ग्रामीण लोगों के जीवन पर व्‍यापक असर पड़ा है। अक्टूबर 2014 में आदर्श ग्राम योजना के तहत देशभर के सांसदों ने जिन गांवों को गोद लेेकर विकास कराने का जिम्‍मा लिया वहां भी बैंकों का अभाव है। नतीजा नोटबंदी के बाद आदर्श गांवों के ग्रामीण्‍ा लोगों को बैंकों के लिए भटकना पड़ रहा है। आश्‍चर्यजनक तथ्‍य यह है कि भाजपा सांसदों के गोद लिए गांवों में बैंक नहीं होने की वजह से ग्रामीण अपनी नकदी को लेकर खासे परेशान हैं।
नोटबंदी : खातेे तो हैं नहीं, बख्‍शीश के नोट कैसे बदलें सेक्‍सवर्कर

नोटबंदी : खातेे तो हैं नहीं, बख्‍शीश के नोट कैसे बदलें सेक्‍सवर्कर

मोदी सरकार के हालिया बड़े मूल्य के नोट चलन से बाहर करने के फैसले से कुछ अन्य वर्गों के साथ ही सेक्सवर्कर्स की आजीविका भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है। यह वर्ग भारतीय समाज का वह निचला तबका है जिसे वास्तव में समाज का हिस्सा ही नहीं माना जाता।
जानिए, कैसे तैयार करते हैं 'चुनावी चाणक्‍य' प्रशांत किशोर अपनी रणनीति

जानिए, कैसे तैयार करते हैं 'चुनावी चाणक्‍य' प्रशांत किशोर अपनी रणनीति

'चुनावी चाणक्‍य' प्रशांत किशोर चुनाव में जीत का एक भरोसा है। पहले पीएम मोदी, बाद में नीतीश कुमार और अब कांग्रेस इनकी मदद से सत्‍ता के सिंहासन तक पहुंचना चाहती है। इनकी चुनावी रणनीति काफी पुख्‍ता होती है। प्रशांत इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी नाम से एक संस्था चलाते हैं। यह संस्था ही किसी पार्टी के प्रचार अभियान का काम देखती है। बताया जाता है कि प्रशांत किशोर की इस संस्था में करीब 250 लोग काम करते हैं।
500 और 1,000 रुपये के नोट कैसे बदल सकते हैं

500 और 1,000 रुपये के नोट कैसे बदल सकते हैं

सरकार ने मंगलवार मध्यरात्रि से 500 और 1,000 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से वापस लेने का फैसला किया है। नागरिकों को ज्यादा परेशानी नहीं हो सरकार ने इसके लिये निम्न कदमों की घोषणा की है।
हाथ में तलवार थमायी तो उसे कैसे ना चलायें : अखिलेश

हाथ में तलवार थमायी तो उसे कैसे ना चलायें : अखिलेश

मुख्यमंत्री के रूप में अपनी कैबिनेट से चाचा शिवपाल सिंह यादव सहित चार मंत्रिायों को बर्खास्त कर चुके अखिलेश यादव ने आज कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि उनके हाथ में तलवार थमायी जाए और फिर कहा जाए कि वह उसे चलायें नहीं।
पॉल्यूशन के चलते स्कूल रहेंगे बंद

पॉल्यूशन के चलते स्कूल रहेंगे बंद

राजधानी के लोग 17 साल के सबसे घने स्मॉग (धुंध) का सामना कर रहे हैं। इसे देखते हुए दिल्ली के 1800 स्कूलों में शनिवार को छुट्टी कर दी गई है। अगर सोमवार को भी हालात ठीक नहीं होते हैं तो छुट्टी बढ़ाई जा सकती है। सेंटर फॉर साइंस एन्वार्यन्मेंट (सीएसई) ने सरकार से कहा था कि इसे इमरजेंसी के तौर लेना चाहिए और बच्चों को घर में रहने की सलाह दी जानी चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि खेतों में कचरा जलाने से पॉल्यूशन बढ़ रहा है।
अच्‍छे दिन कैसे आएंगे, भुखमरी पर भारत की हालत अभी भी चिंताजनक

अच्‍छे दिन कैसे आएंगे, भुखमरी पर भारत की हालत अभी भी चिंताजनक

खाद्य सुरक्षा पर किए गए तमाम सरकारी योजनाओं के बावजूद भुखमरी के मामले में भारत की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। इसे नापने वाले वैश्विक पैमाने 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' में भारत को 'चिंताजनक श्रेणी' में रखा गया है। 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' दुनिया भर के देशों में भुखमरी के हालात और इसके मुख्य कारणों पर नजर रखने वाली गैर सरकारी अंतरराष्ट्रीय संस्था 'इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट' की ओर से तैयार किया गया है।
ट्रंप का भावनात्मक विकास तीन साल के बच्चे के समान है: दीपक चोपड़ा

ट्रंप का भावनात्मक विकास तीन साल के बच्चे के समान है: दीपक चोपड़ा

जानेमाने भारतीय अमेरिकी लेखक और धार्मिक गुरू दीपक चोपड़ा ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के भावनात्मक विकास की तुलना तीन साल के बच्चे से करते हुए कहा है कि उनका आत्मसम्मान बेहद कम है।
धार्मिक गुरुओं के खिलाफ चुनाव कानून कैसे लागू होगाः सुप्रीम कोर्ट

धार्मिक गुरुओं के खिलाफ चुनाव कानून कैसे लागू होगाः सुप्रीम कोर्ट

दो दशक पुराने हिंदुत्व संबंधी फैसले की जांच कर रहे उच्चतम न्यायालय ने आज पूछा कि किसी खास पार्टी या उम्मीदवार के लिए मतदाताओं से वोट मांगने पर चुनाव नहीं लड़ रहे आध्यात्मिक नेताओं या धार्मिक गुरुओं को चुनाव कानून के तहत भ्रष्ट क्रियाकलापों के लिए जवाबदेह ठहराया जा सकता है या नहीं?
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