Advertisement

Search Result : "बजरंग बिश्नोई"

CWG 2018: 65 किलोग्राम फ्री स्‍टाइल कुश्‍ती में भारत के लिए बजरंग पूनिया ने जीता 17वां गोल्‍ड

CWG 2018: 65 किलोग्राम फ्री स्‍टाइल कुश्‍ती में भारत के लिए बजरंग पूनिया ने जीता 17वां गोल्‍ड

21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है। कॉमनवेल्थ गेम्स में नौवें...
बजरंग सेना ने की खजुराहो मंदिर परिसर में 'कामसूत्र' पर प्रतिबंध लगाने की मांग

बजरंग सेना ने की खजुराहो मंदिर परिसर में 'कामसूत्र' पर प्रतिबंध लगाने की मांग

बजरंग सेना ने खजुराहो मंदिर परिसर में कामसूत्र पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। बजरंग सेना कार्यकर्ताओं ने छतरपुर पुलिस में शिकायत देकर यह मांग की है।
यूपी में सामने आई भाजपा सांसद और बजरंग दल के लोगों की गुंडागर्दी

यूपी में सामने आई भाजपा सांसद और बजरंग दल के लोगों की गुंडागर्दी

उत्तर प्रदेश में भाजपा नेता और हिंदूवादी संगठनों की गुंडागर्दी के दो मामले सामने आए हैं। एक मामले में बजरंग दल के लोगों पर दो युवकों की सरेआम पिटाई का आरोप है, जबकि दूसरा मामला भाजपा के सांसद से जुड़ा हुआ है। सासंद पर आरोप है कि उन्होंने एक शख्स के साथ मारपीट की है।
एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप: बजरंग पुनिया ने जीता गोल्ड मेडल

एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप: बजरंग पुनिया ने जीता गोल्ड मेडल

भारतीय कुश्ती जगत के लिए शनिवार का दिन शानदार रहा रहा। एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में भारत के लिए बजरंग पुनिया ने गोल्ड मेडल जीत लिया। उन्होंने फ्रीस्टाइल के 65 किग्रा वर्ग में दक्षिण कोरिया के ली सुंग चुल को हराया।
योगी राज में गुंडागर्दी: बजरंग दल के लोगों का थाने पर हमला, सब-इंस्पेक्टर घायल

योगी राज में गुंडागर्दी: बजरंग दल के लोगों का थाने पर हमला, सब-इंस्पेक्टर घायल

उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी सुलखान ने प्रदेश में गुंडागर्दी नहीं होने देने की बात कही थी। लेकिन पहले ही दिन खुद यूपी पुलिस बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं की गुंडागर्दी की शिकार हो गई।
‘हुत’ में बिश्नोई का काव्यपाठ : कथ्य की हुई सराहना

‘हुत’ में बिश्नोई का काव्यपाठ : कथ्य की हुई सराहना

साहित्यिक संस्‍था ‘हुत’ की छत्तीसवें एकल काव्यपाठ में 73 वर्षीय कवि बजरंग बिश्नोई ने अपनी धर्मयुग में 1964 में प्रकाशित पहली कविता से लेकर आज तक रची/छपी कविताओं में से एक दर्जन का पाठ किया। कविताओं पर चर्चा में उनकी खामियों-खूबियों पर बहस के साथ ही कथ्य की सराहना हुई, खास कर खुदाबख्स उर्फ खुटईं , गोपी, आदतन, पत्नी के फूल चुनते हुए , अपने खिलाफ और एक विभावना है शहर शीर्षक कविताओं की।
Advertisement
Advertisement
Advertisement