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Search Result : "बहुचर्चित उपन्यास"

'अकाल में उत्सव' पर चर्चा 16 को भोपाल में

'अकाल में उत्सव' पर चर्चा 16 को भोपाल में

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 16 अक्टूबर को युवा कथाकार पंकज सुबीर के बहुचर्चित उपन्यास अकाल में उत्सव पर केंद्रित एक पुस्तक चर्चा का आयोजन किया गया है।
'द वेजिटेरियन' के लिए हान कांग को 2016 का मैन बुकर पुरस्कार

'द वेजिटेरियन' के लिए हान कांग को 2016 का मैन बुकर पुरस्कार

दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को अविस्मरणीय छाप छोड़ने वाले उनके उपन्यास द वेजिटेरियन के लिए प्रतिष्ठित मैन बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया है। उनका यह उपन्यास एक महिला द्वारा मानवीय निर्ममता को खारिज करने और मांस का सेवन छोड़ने पर आधारित है।
उपन्यास अंश - पच्चीस वर्ग गज

उपन्यास अंश - पच्चीस वर्ग गज

अर्पण कुमार का यह उपन्यास दिल्ली की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। अर्पण कुमार मूलतः कवि हैं, यह लेखक का पहला उपन्यास है। इस उपन्यास में दिल्ली की अलग छवि सामने आएगी। दिल्ली को दूसरे नजरिये से देखा जाता है यह उपन्यास इस शहर को नई दृष्टि देगा।
भूतों की कहानी फ्रांसिसी राजनयिक की जुबानी

भूतों की कहानी फ्रांसिसी राजनयिक की जुबानी

भूतों के किस्से सुनने में किसे मजा नहीं आता। दादी-नानी की कहानियों में परियों के अलावा भूत भी स्थायी रूप से होते ही थे। भारत में कई जगहें ऐसी हैं, जिनके बारे में प्रचलित है कि वहां भूत रहते हैं। खंडहर हवेलियों की छोड़िए कई गेस्ट हाउस भी भूतों के डेरों के तौर पर मशहूर हैं। फ्रांस के वाणिज्य महादूत फैब्रिसे एतीयेन की ख्वाहिश इन्हीं गुम किस्सों को जिंदा करने की थी। उनकी इच्छा थी कि भूतों की इन कहानियों को संग्रहित किया जाए। इसलिए उन्होंने कोलकाता के अतीत को खंगालने का बीड़ा उठाया।
70 साल बाद आयन रैंड का उपन्यास

70 साल बाद आयन रैंड का उपन्यास

प्रसिद्ध रूसी लेखिका और दार्शनिक आयन रैंड का उपन्यास आइडियल 70 साल बाद प्रकाशित हो रहा है। उपन्यास से पहले उन्होंने इसे एक नाटक के रूप में लिखा था।
उपन्यास अंश - फांस

उपन्यास अंश - फांस

सुप्रसद्धि कथाकार संजीव का नया उपन्यास फांस समर्पित है, सबका पेट भरने और तन ढकने वाले, देश के लाखों किसानों और उनके परिवारों को जिनकी हत्या या आत्महत्या को हम रोक नहीं पा रहे हैं। फांस संजीव द्वारा किसान आत्महत्या पर केंद्रित अनेक वर्षों के शोध का परिणाम है। फांस खतरे की घंटी भी है और आत्महत्या के विरुद्ध दृढ़ आत्मबल प्रदान करने वाली चेतना और जमीनी संजीवनी का संकल्प भी। जल्द ही यह उपन्यास वाणी से प्रकाशति हो रहा है। पेश हैं उपन्यास अंश :
गहरे हैं रंग ' कैनवास पर प्रेम ' के

गहरे हैं रंग ' कैनवास पर प्रेम ' के

विमलेश त्रिपाठी के उपन्यास 'कैनवास पर प्रेम ' के नाम ने आकर्षित किया था। नाम से कहानी का जो कुछ अंदाजा होता है वह ठीक-ठीक होते हुए भी उससे बहुत अलग भी है।
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