Advertisement

Search Result : "बांग्लादेश-भारत सीमा भूमि समझौता"

ऐतिहासिक समझौताः नगालैंड में अब होगी शांति

ऐतिहासिक समझौताः नगालैंड में अब होगी शांति

केंद्र सरकार की उत्तर पूर्व पर ध्यान देने की नीति के परिणाम दिखने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले बांग्लादेश के साथ दशकों से अटके पड़े भूमि समझौते को अंजाम दिया और अब नगालैंड में शांति बहाल करने के लिए वहां के प्रभावशाली संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन) (आईएम) के साथ शांति संधि पर हस्ताक्षर हो गए हैं। इस समझौते के बाद अब नगालैंड में बंदूकों की आवाजें खामोश हो जाएंगी और राज्य के विकास को गति मिलेगी।
संसद के बाहर भी सरकार को घेरने में जुटे राहुल

संसद के बाहर भी सरकार को घेरने में जुटे राहुल

कांग्रेस पार्टी जहां एनडीए सरकार को संसद के अंदर घेरने में जुटी है वहीं पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद के बाहर भी मोर्चा खोल दिया है। यह मोर्चा उन्होंने दक्षिण भारत में खोला है जहां वह आम लोगों के बीच सरकार के खिलाफ निशाना साध रहे हैं। गुरुवार से शुरू हुआ उनका दक्षिण भारत अभियान शुक्रवार को भी जारी रहा। शुक्रवार को उन्होंने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में विवादास्पद भूमि विधेयक को लेकर राजग सरकार पर निशाना साधा।
तमिलनाडु के बाद आंध्र प्रदेश जाएंगे राहुल

तमिलनाडु के बाद आंध्र प्रदेश जाएंगे राहुल

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तमिलनाडु की यात्रा के बाद आंध्र प्रदेश में किसानाें और बुनकरों से मिलेंगे। गुरुवार को राहुल तमिलनाडु में एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे उसके बाद शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के दौरे पर जाएंगे। संसद सत्र के बीच दक्षिण के दो राज्याें का राहुल का दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भूमि अधिग्रहण का मुद्दा छोड़ने के मूड में नहीं माेदी

भूमि अधिग्रहण का मुद्दा छोड़ने के मूड में नहीं माेदी

विपक्ष के तीखे तेवरों को पहले से ही भांपते हुए सरकार ने सुषमा, वसुंधरा और शिवराज सिंह चौहान पर होने वाले हमलों का बचाव करने की रणनीति बनाई है।
सर्वदलीय बैठक में नहीं निकला कोई नतीजा

सर्वदलीय बैठक में नहीं निकला कोई नतीजा

संसद सत्र सुचारू रूप से चले इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष और संसदीय कार्यमंत्री की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर गतिरोध बरकरार है, इसके अलावा ललित मोदी और व्यापमं घोटाले को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश की लेकिन सरकार की ओर से इसका कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। विपक्षी दलों ने सत्र के दौरान सरकार को घेरने की तैयारी पूरी कर ली है।
विपक्ष के ‌बिखराव का लाभ लेने की फिराक में सरकार

विपक्ष के ‌बिखराव का लाभ लेने की फिराक में सरकार

मंगलवार से शुरू हो रहे संसद सत्र में विपक्ष के बिखराव का लाभ लेने की फिराक में सरकार जुट गई है। हालांकि भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर ज्यादातर विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं लेकिन अन्‍य मुद्दों पर कुछ दल चुप्पी साधकर सरकार का साथ दे सकते हैं।
संसद में 64 विधेयक लंबित

संसद में 64 विधेयक लंबित

विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित 64 विधेयक संसद में विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। विधायी घटनाक्रम पर नजर रखने वाले एक अध्ययन समूह ने ये जानकारी दी है।
मोदी सरकार को शिकस्‍त देता भूमि अधिग्रहण का मुद्दा

मोदी सरकार को शिकस्‍त देता भूमि अधिग्रहण का मुद्दा

सरकार पर 'किसान विरोधी' होने का दाग लगवाकर भी भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की जिद्द पर अड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यही मुद्दा नीतिगत मोर्चे पर शिकस्त दे रहा है। बुधवार को हुई नीति आयोग की बैठक में तकरीबन साफ हो गया कि केंद्र सरकार संसद के जरिये भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की आस छोड़कर राज्‍यों को अपने कानून बनाने के लिए प्रेरित करेगी। हालांकि, मोदी सरकार से यह प्रेरणा लेने के लिए केवल 16 मुख्यममंत्री मौजूद थे। यानी भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की कवायद पूरे देश के बजाय अब एनडीए शासित राज्यों तक सिमट जाएगी। लेकिन इसके खतरे भी कम नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर केंद्र से मांगा जवाब

उच्चतम न्यायालय ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की वैधानिकता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद आज केंद्र सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। यह याचिका अध्यादेश के जरिए फिर से लागू भूमि अधिग्रहण कानून की वैधानिकता को चुनौती देते हुए किसानों के एक संगठन दिल्ली ग्रामीण समाज की ओर से दायर की गई थी। न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ और आदर्श कुमार गोयल की खंडपीठ ने किसानों के संगठन की इस जनहित याचिका पर केंद्र सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement