देश के सबसे अमीर मंदिर यानी कि तिरुपति बालाजी मंदिर श्राइन बोर्ड इन दिनों काफी परेशान है। मंदिर प्रबंधन असमंजस में हैं। दरअसल पिछले दो महीने के अंदर इस मंदिर में जो करोड़ों का दान हुआ है, वो सभी दान 500-1000 के पुराने नोटों में हुआ है। यहां की दान पेटियों में पुराने नोट मंदिर मैनजमेंट के लिए दिक्कत खड़ी कर रहे हैं।
अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो आंध्रप्रदेश के तिरूपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर समेत छह देवालयों के नाम डी-मैट खाते खोले जायेंगे। इन खातों के खुलने के बाद भक्त अपने इष्ट को शेयर और प्रतिभूतियां भी दान कर सकेंगे जिससे मंदिरों की आय में इजाफा होगा।
दलाल स्ट्रीट को सबसे महंगा सदस्य मिल गया है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के भगवान बालाजी का यहां खाता खुल चका है। इस बारे में टीटीडी प्रबंधन का कहना है कि अब भक्त यहां शेयर और प्रतिभूतियों का भी दान कर सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी और स्मार्ट फोन के इर्द-गिर्द ही सिमट चुकी है पूरी युवा आबादी। इसी आबादी के बीच ई-गवर्नेंस और ई-कॉमर्स ने गहरी पैठ बना ली है। भारत में फिलहाल 63 प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल फोन आ गए हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में हर महीने 30 प्रतिशत मोबाइल उपभोक्ता बढ़ते जा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर देखें तो भारत स्मार्टफोन का दूसरा बड़ा बाजार बन गया है। नेटवर्किंग समाधान कंपनी सिस्को का अध्ययन बताता है कि अगले चार साल में यहां 65 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन उपभोक्ता हो जाएंगे।