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असम में मतदान से दूर रहेंगे उग्रवादी

असम में मतदान से दूर रहेंगे उग्रवादी

असम विधानसभा चुनाव इस बार उग्रवाद के प्रभाव से मुक्त रहने की संभावना है। भले ही चुनाव प्रचार के दौरान उग्रवादी संगठन उम्मीदवारों को डरा-धमकाकर कुछ वसूलने का प्रयास करें या किसी हिंसक वारदात को अंजाम दें, लेकिन कोई भी उग्रवादी संगठन इस चुनाव को प्रभावित करने की स्थिति में नहीं है।
क्या भाजपा-जदयू में कोई खिचड़ी पक रही है

क्या भाजपा-जदयू में कोई खिचड़ी पक रही है

बिहार के हाजीपुर में शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच दिखी नजदीकी को लेकर अचानक ही राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस नजदीकी ने इन अटकलों को बल दिया है कि भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड में अंदरखाने कोई खिचड़ी पक रही है।
नीतीश की तारीफ के पुल बांध दिए मोदी ने

नीतीश की तारीफ के पुल बांध दिए मोदी ने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता के समय से ही बिहार के विकास की अनदेखी करने का कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उसपर निशाना साधा। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजग का हिस्सा रहने के गुजरे वक्त को भी याद किया जब नीतीश ने यहां कई रेल परियोजनाओं का उद्घाटन किया था।
चर्चाः समानान्तर राजनीतिक सत्ता की कमाई

चर्चाः समानान्तर राजनीतिक सत्ता की कमाई

विजय पताका लिए सेनापति दो वर्षों की अवधि में तीन सेनाओं के नेतृत्व का दावा कर रहे हैं। ऐसा चमत्कार तो रामायण-महाभारत काल या विक्रमादित्य और सम्राट अशोक के शासनकाल के युद्ध में भी पढ़ने-सुनने को नहीं मिलता। भारतीय लोकतंत्र में नेहरू-इंदिरा गांधी-राजीव गांधी, नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में सत्ता और संगठन के साथ विचारधाराओं के आधार पर जन समर्थन की सफलता-विफलता देखने को मिली। राव-मनमोहन राज और अटलजी की सत्ता के अंतिम दौर में ‘शाइनिंग इंडिया’ से जुड़ी राजनीतिक टीम और पर्दे के पीछे मोटी रकम देकर सर्वेक्षणों एवं विज्ञापनों की एजेंसियों की सहायता ली गई। लेकिन मोदी युग में समानान्तर राजनीतिक सत्ता का एक नया केन्द्र उभरकर आया। भाजपा, आर.एस.एस. एवं इससे संबद्ध विभिन्न संगठनों, स्वामी रामदेव के लाखों समर्थकों, नए-पुराने नेताओं के धुआंधार प्रचार के बावजूद मोदी-भाजपा की सफलता का श्रेय ‘राजनीतिक प्रचार प्रबंधक’ प्रशांत किशोर ने लिया।
मधुशालाओं के दम से भरती सरकारों की झोली

मधुशालाओं के दम से भरती सरकारों की झोली

पुरानी कहावत है कि अति किसी भी चीज की बुरी होती है और वह चीज यदि शराब हो तो फिर भगवान ही मालिक है। कहते हैं यह ऐसी शै है जो किसी को आपका सगा नहीं रहने देती, फिर चाहे आप शराब पीते हों या बेचते हों, कोई फर्क नहीं पड़ता। विजय माल्या इस देश में घर-घर पहचाना नाम हैं क्योंकि उनके पिता द्वारा बनाई गई और खुद उनके द्वारा बेहिसाब तरीके से फैलाई गई कंपनी ने इस देश में शराब के उत्पादन और बिक्री के अगले-पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले।
बिहार को मिला विशेष पैकेज कहीं जुमला न बन जाए

बिहार को मिला विशेष पैकेज कहीं जुमला न बन जाए

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लाख पच्चीस हजार के विशेष पैकेज की घोषणा की थी तो यह सवाल उठा था कि आखिर इतना बड़ा पैकेज किस मद में दिया जाएगा। चुनाव बीत गया और योजनाओं की लंबी फेहरिस्त भी तैयार हो गई लेकिन केंद्र ही इस सौगात पर ग्रहण ही लगा हुआ है। बिहार के कोटे से केंद्र सरकार में आठ मंत्री शामिल है जिनमें तीन कैबिनेट, दो स्वतंत्र प्रभार और तीन राज्यमंत्री हैं। स्वतंत्र प्रभार के मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान हैं तो उड़ीसा से लेकिन बिहार के कोटे से राज्यसभा सदस्य हैं।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए किसानों ने फसल काटने से किया इंकार

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए किसानों ने फसल काटने से किया इंकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक प्रस्तावित कार्यक्रम के आयोजन स्थल के लिए किसानों ने अपनी फसल को खेतों से काटने से इनकार कर दिया है। आगामी 12 मार्च को प्रधानमंत्री को बिहार के वैशाली के सुल्तानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कुछ रेल परियोजनाओं का उद्घाटन करना है। किसानों के इनकार के बाद स्थानीय रेल प्रशासन अब सभा के लिए वैकल्पिक जगह की तलाश कर रहा है।
एक्सक्लूसिव- नेपाल  में नीतीश कुमार के बढ़ते कद से जुड़ा है मधेशी का सवाल

एक्सक्लूसिव- नेपाल में नीतीश कुमार के बढ़ते कद से जुड़ा है मधेशी का सवाल

नेपाली कांग्रेस के 13वें अधिवेशन में बिहार के मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत का द्विपक्षीय राजनीति पर पड़ेगा सीधा असर
किताब लिख बताएंगे प्रशांत, कैसे जीतें चुनाव

किताब लिख बताएंगे प्रशांत, कैसे जीतें चुनाव

नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की भारी चुनावी जीत में प्रमुख रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर अब एक किताब लिखने जा रहे हैं। अपनी पहली किताब में किशोर चुनाव को लेकर अपने अनुभव को साझा करने के साथ ही नेताओं और चुनावों को लेकर भारतीय मतदाताओं की सोच को भी विश्लेषित करेंगे।
कपड़े उतारवाकर परीक्षा दिलवाना, अमानवीय है

कपड़े उतारवाकर परीक्षा दिलवाना, अमानवीय है

बिहार में जिस तरह से सैना में भर्ती के लिए आए लोगों को कपड़े उतार कर धूप में बैठाकर परीक्षा दिलवाई गई, वह बेहद अमानवीय है। ऐसा कतई नहीं होना चाहिए। यह मानवता और मूल्यों दोनों के खिलाफ है।
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