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Search Result : "भयानक प्रदूषण"

भारत में कई शहर जहां सांस लेना मुश्किल: ग्रीनपीस रिपोर्ट

भारत में कई शहर जहां सांस लेना मुश्किल: ग्रीनपीस रिपोर्ट

ग्रीनपीस इंडिया द्वारा ऑनलाइन रिपोर्ट और सूचना के अधिकार के तहत देश भर के विभिन्न राज्यों के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई वायु प्रदूषण की मौजूदा स्थिति पर बनी रिपोर्ट बेहद भयावह है। इसमें भारत के किसी भी शहर में डब्लूएचओ और दक्षिण भारत के कुछ शहरों को छोड़कर भारत के किसी भी शहर में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के प्रदूषण निंयत्रित करने के लिए बनाए गए मानकों की सीमा का पालन नहीं किया है। 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 168 शहरों की स्थिति पर ग्रीनपीस इंडिया द्वारा बनी इस रिपोर्ट का नाम ‘वायु प्रदूषण का फैलता जहर’ नाम दिया गया है। इसमें प्रदूषण का मुख्य कारण जीवाश्म इंधन को जलाना बताया गया है।
वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए आपातकालीन योजनाओं का मूल्यांकन कर रहा है चीन

वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए आपातकालीन योजनाओं का मूल्यांकन कर रहा है चीन

चीन भारी वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए बीजिंग समेत अपने 20 शहरों की आपातकालीन योजनाओं का मूल्यांकन कर रहा है। इस बीच अधिकारियों की इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि उन्होंने प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचने के लिए रेड अलर्ट जारी नहीं किया।
प्रदूषण से खूबसूरती को ग्रहण

प्रदूषण से खूबसूरती को ग्रहण

बढ़ते प्रदूषण से न केवल स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है बल्कि खूबसूरती पर भी असर पड़ता है। इससे त्वचा खराब हो जाती है। उसपर खारिश, समय से पहले बुढ़ापा, झुर्रियां और लचीलेपन में कमी, काले दाग धब्बे देखने में आते है।
भारत में वायु प्रदूषण से मरने वालों की संख्या चीन से ज्यादा

भारत में वायु प्रदूषण से मरने वालों की संख्या चीन से ज्यादा

ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजिज प्रोजेक्ट के एक विश्लेषण में चिंताजनक नतीजे सामने आये हैं। इसके अनुसार, 2015 में बाहरी वायु प्रदूषण से सबसे अधिक मौत भारत में हुई है जो चीन से भी अधिक है। इस अध्ययन से पता चलता है कि 1990 से अबतक लगातार भारत में होने वाले असामायिक मौत की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। हाल के आंकड़े बताते हैं कि 2015 में भारत में 3283 लोगों की प्रतिदिन असामयिक मौत हुई जबकि इसकी तुलना में चीन में 3233 लोगों की मौत हुई थी।
वायु प्रदूषण पर एनजीटी सख्त, दिया निगरानी समिति बनाने का निर्देश

वायु प्रदूषण पर एनजीटी सख्त, दिया निगरानी समिति बनाने का निर्देश

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने वायु प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए आज कई निर्देश पारित किए जिनमें केंद्रीय और राज्य स्तर पर निगरानी समितियों का गठन करना भी शामिल है। न्यायाधिकरण ने उत्तर भारत के चार राज्यों से कहा कि पुराने डीजल वाहनों को प्रतिबंधित करने पर विचार करें ताकि पर्यावरणीय आपातकाल से निपटा जा सके।
खतरनाक प्रदूषण दिल्लीवासियों के लिए मौत की सजा की तरह: उच्च न्यायालय

खतरनाक प्रदूषण दिल्लीवासियों के लिए मौत की सजा की तरह: उच्च न्यायालय

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पंजाब में सरकार की निष्क्रियता और पराली जलाने के चलन को नरसंहार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आज कहा कि भयानक प्रदूषण स्तर दिल्लीवासियों के लिए वस्तुत: मौत की सजा है जिसकी वजह से उनके जीवन के तीन साल कम किए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेशः प्रदूषण पर उच्च न्यायालय सख्त

उत्तर प्रदेशः प्रदूषण पर उच्च न्यायालय सख्त

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इन दिनों लखनऊ समेत प्रदेश के कई शहरों में छाई स्वास्थ्य के प्रति हानिकारक धुंध और प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर नाराजगी जाहिर करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को स्थिति से निपटने के लिये फौरी कदम उठाने के आदेश दिए हैं। उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ के न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप साही और न्यायमूर्ति अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कल लखनउ समेत प्रदेश के कई इलाकों में छायी धुंध के मामले में दायर दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
प्रदूषण पर रोक के लिए दिल्ली-राज्य साझा तंत्र तैयार करें : एनजीटी

प्रदूषण पर रोक के लिए दिल्ली-राज्य साझा तंत्र तैयार करें : एनजीटी

राष्‍ट्रीय हरित अधिकरण :एनजीटी: ने पराली जलाने पर नियंत्रण के लिए कदम ना उठाने को लेकर मंगलवार को दिल्ली और अन्य पड़ोसी राज्यों को फटकार लगाते हुए वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए उन्हें बुधवार तक उसके निर्देशों के कार्यान्वयन की खातिर पूरे तंत्र की जानकारी देने का निर्देश दिया।
राष्ट्रीय राजमार्ग होंगे हरे-भरे

राष्ट्रीय राजमार्ग होंगे हरे-भरे

नेशनल ग्रीन हाईवेज मिशन के तहत देश के एक लाख किलोमीटर राजमार्ग हरे-भरे किेए जाएंगे। इसमें न केवल पेड़ लगाना बल्कि उनकी निगरानी और देश में बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर काबू पाने की योजना भी शामिल है। इसपर विस्तृत चर्चा के लिए आज दिल्ली के मध्यांचल भवन में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें संबंधित विभाग और मुद्दे से जुड़े जानकारों ने भाग लिया। इस मिशन में आउटलुक, टेरी, विश्व बैंक नॉलेज पार्टनर हैं।
15 वर्ष से पुराने डीजल वाहनों, पटाखों पर प्रतिबंध

15 वर्ष से पुराने डीजल वाहनों, पटाखों पर प्रतिबंध

प्रदूषण की गंभीर स्थिति के चलते उत्पन्न स्वास्थ्य खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने आज 15 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाना शुरू कर दिया जबकि पटाखा छोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। 15 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों की संख्या करीब दो लाख है।
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