पर्यावरणविद एवं विचारक के एन गोविन्दाचार्य ने कहा है कि सरकार भूमि अधिग्रहण बिल को लागू करने की कोशिश में लगी है लेकिन उसे इस देश के पांच करोड से ज्यादा बेघर लोगों की चिंता नहीं है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यालय में कथित जासूसी के मामले में दिल्ली पुलिस ने अपनी सफाई पेश की है। पुलिस ने कहा कि राहुल गांधी के में पुलिसकर्मी का जाना शख्सियतों से जुड़े रहने की एक नियमित कवायद है और इसके पीछे कोई दुर्भावना नही थी।
अमेरिका की एक शीर्ष कारोबारी संस्था ने भारत में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक को मंजूरी मिलने की प्रशंसा करते हुए कहा है कि इस तरह के कानून से निवेश को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार पैदा होंगे और वित्तीय स्थिरता आएगी।
भूमि अधिग्रहण विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है, हालांकि भारी विरोध को देखते हुए मोदी सरकार सहमति, मुआवजे और निजी क्षेत्र के लिए अधिग्रहण के प्रावधानों पर थोड़ी नरम पड़ी। अब गेंद राज्य सभा के पाले में है। जहां विपक्ष का बहुमत है। विपक्ष और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के शिवसेना जैसे सहयोगी, विधेयक के विरोध की जमीन पर बने रहें चाहें तो आपसी सहमति अथवा दोनों पक्षों की थोड़ी नरमी से विधेयक पारित हो जाए। इस मसले पर कई मत हैं। थोड़े और संशोधनों के पक्षधर तो कुछ इस विधेयक को पूरी तरह नकार देने के। भाजपा की विचारधारा वाले के. एन. गोविंदाचार्य भी इस मसले पर भाजपा सरकार से अलग राय रखते हैं। अण्णा हजारे और उनके सहयोगी संगठनों को मोदी सरकार की नई भूमि अधिग्रहण नीति के विरोध में गोलबंदी के लिए प्रेरित करने में गोविंदाचार्य ने अहम भूमिका निभाई है।
भूमि अधिग्रहण अधिनियम विधेयक विपक्ष के विरोध के बावजूद लोकसभा में पास हो गया। कुल 11 संशोधनों के साथ भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हुआ। इससे पहले विपक्ष ने एकजुट होकर कहा कि सरकार ने इस प्रस्ताव में केवल कारपोरेट के हितों को ध्यान में रखा है। कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने सदन से वॉक आउट किया।
विवादास्पद भूमि विधेयक को सरकार सोमवार को लोकसभा में विचार के लिए ला सकती है। इसके साथ ही वह इस बारे में सहयोगी दलों, विपक्ष और किसान संगठनों की आपत्तियों को दूर करने के लिए इसमें कुछ संशोधन करने का मन भी बना रही है।
उत्तर प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव साल 2017 में है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी से प्रदेश का सियासी जायजा लेना शुरु कर दिया है ताकि जो संगठन में कमियां है उसे दूर किया जा सके।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मान लिया है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भूमि अधिग्रहण कानून लाए जाने के कारण उनकी पार्टी इसका विरोध नहीं कर पाई थी।
किसानो को उनका वाजिब हक दिलाने के लिए सामाजिक कार्यकर्त अण्णा हजारे वर्धा से दिल्ली तक पदयात्रा करेंगे। इस यात्रा में वह कुल 1100 सौ किलोमीटर चलेंगे। एक अनुमान के मुताबिक उन्हें इस यात्रा के लिए तीन महीने लगेगें।