बीमा विधेयक में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का प्रावधान है। भारत में निवेश करने वाली वैश्विक कंपनियों का प्रतिनिधित्व कर रही संस्था यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) ने इस महत्वपूर्ण सुधार में उनके सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कैबिनेट के साथ विपक्षी नेताओं की सराहना की।
यूएसआईबीसी के अध्यक्ष डाॅ. मुकेश अघी ने बताया, भारत के बीमा क्षेत्र को खोले जाने ने बेहद स्पष्ट संकेत दिया है कि भारत ने एेसे वक्त में व्यापार के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं जब आर्थिक अवसरों का निश्चित तौर पर स्वागत किया जाना चाहिए। यूएसआईबीसी अध्यक्ष ने कहा, हाल के वर्षों में भारत के बीमा बाजार में प्रभावी विकास देखा गया है जबकि एफडीआई सीमाओं ने निवेशकों की पूंजी क्षमता को बढ़ाने पर रोक लगा दी है।
अघी ने कहा, घरेलू और नए विदेशी व्यावसायिक संघों को दीर्घकालिक पूंजी की पूर्ति होने से वित्तीय स्थिरता आएगी। पीएनबी मेट लाइफ के सीईओ तरुण चुग ने राज्यसभा में बीमा विधेयक की मंजूरी का स्वागत किया और इस बात का भी उल्लेख किया कि एफडीआई की सीमा 26 से 49 प्रतिशत बढ़ाने से भारतीय अर्थव्यवस्था को उल्लेखनीय लाभ मिलेगा।