खोले ने अपनी शिकायत में कहा है कि उन्हें धार्मिक अवसरों के दौरान अपने घर में खाना पकाने के लिए एक विवाहित ब्राह्मण महिला की जरूरत थी। लेकिन निर्मला ने अपनी जाति और वैवाहिक स्थिति छिपाकर खुद को निर्मला कुलकर्णी बताया। महिला उनके घर साल 2016 से हर खास आयोजन पर खाना बनाने के लिए आती थीं।
एचआईवी-एड्स पीड़ितों के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। एचआइवी-एड्स पीड़ित लोगों को नौकरी देने से इनकार करने या नौकरी से निकालने पर कानूनन सजा का प्रावधान हो गया है। अब एड्स पीडितो की सुरक्षा के लिए संसद द्वारा पारित विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है।
जाति के आधार पर चल रहे भेदभाव पर खेद व्यक्त करते हुए केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि दलित जाति के जो लोग कुएं खोदते हैं और मूर्तियां बनाते हैं, उन्हें कुएं से पानी पीने एवं मंदिरों में प्रवेश से रोका जाना आज के युग में ठीक नहीं है। लोगों में ऐसी सोच बदलनी चाहिए।