उड़ता पंजाब को लेकर इतना हाइप बन गया था कि आखिर इस फिल्म में ऐसा क्या है जो संस्कारी बोर्ड इसे देश को देखने के लिए मना कर रहा है। अगर सेंसर बोर्ड इतना बवाल न मचाता तो यह बिलकुल साधारण फिल्म बनती।
ऐसा लगता है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश और पंजाब को लेकर जो भी योजना बना रही है उसमें बैठे ठाले कोई फच्चर फंस रहा है। पहले कमलनाथ को पंजाब कांग्रेस का प्रभार सौंपा गया तो 84 के सिख विरोधी दंगों का मसला उठ गया। इसके बाद खबरें आईं कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को कांग्रेस या तो उत्तर प्रदेश में सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर सकती है या पंजाब का प्रभार सौंप सकती है। इसके अगले ही दिन दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा शीला दीक्षित के खिलाफ जांच की सूचना आ गई।
उड़ता पंजाब फिल्म के मुद्दे पर बॉम्बे हाईकोर्ट से मुंह की खाने के बाद केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रमुख पहलाज निहलानी ने आज कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। निहलानी ने न्यायालय के उस निर्णय का स्वागत किया जिसमें फिल्म उड़ता पंजाब में सीबीएफसी द्वारा सुझाए गए संपादन को दरकिनार कर दिया गया है।
भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड की कई इकाइयों ने कई वर्षों से बोर्ड को हिसाब-किताब नहीं दिया है। अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित खबर के अनुसार दिल्ली जिला क्रिकेट संघ ने पिछले तीन साल से भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) में बैलेंस शीट जमा नहीं कराई है।
सेंसर बोर्ड से मतभेद के बाद विवादों में घिरी अनुराग कश्यप की फिल्म 'उड़ता पंजाब' को बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को मंजूरी दे दी। कोर्ट ने कहा कि फिल्म देेश या राज्य के खिलाफ नहीं है। हाईकोर्ट ने सेंसर बोर्ड को आदेश जारी करते हुए कहा है कि फिल्म को अगले 48 घंटे में सर्टिफिकेट दिया जाए। कोर्ट ने बोर्ड को फिल्म के लिए ए सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कहा है। इधर सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी ने कहा है कि वह अगर इस पद के लिए योग्य नहीं हैं तो उन्हें पद से हटा दिया जाए।
एक साथ तीन तलाक के मुद्दे पर संशोधन की मांग को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भले ही खारिज कर दिया हो, लेकिन इस्लामी जानकारों का कहना है कि तलाक की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है क्योंकि यह कुरान और इस्लाम के मुताबिक नहीं है।
बम्बई उच्च न्यायालय ने एक तीखी टिप्पणी में शुक्रवार को कहा कि सेंसर बोर्ड को बहुत अधिक बाल की खाल नहीं निकालनी चाहिए ताकि फिल्म उद्योग में रचनात्मक लोग बढ़ सकें। अदालत ने इसके साथ ही कहा कि उड़ता पंजाब के निर्माताओं को अपशब्दों वाले एवं अश्लील दृश्यों को नरम करना चाहिए क्योंकि केवल इन्हीं से फिल्म नहीं चलती। न्यायमूर्ति एस. सी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति शालिनी फनसालकर जोशी की एक खंड़पीठ ने कहा कि वह मामले पर 13 जून को आदेश पारित करेगी।
उड़ता पंजाब फिल्म पर उठे विवाद के बीच सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरूण जेटली ने गुरुवार को कहा कि फिल्म प्रमाणन नियम उदार होंगे तथा अगले कुछ दिनों में कुछ बड़े बदलावों की घोषणा की जाएगी। उड़ता पंजाब में सेंसर फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा कुछ काटछांट करने पर उठे विवाद पर अपनी पहली टिप्पणी में उन्होंने कहा, मैं इसे अति नहीं कहूंगा। वैसे मैं इस मामले को नहीं जानता क्योंकि मैंने संबंधित फिल्म नहीं देखी है।
उड़ता पंजाब में सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी ने फिल्म के नाम सहित पूरी फिल्म से ‘पंजाब’ शब्द हटाने और कहानी में कथित तौर पर 89 कट करने को कहा है। बोर्ड के इस फैसले से निर्माता परेशान हैंं। सेंसर बोर्ड ने 13 सुझाव निर्माता को दिए हैं, ये सुझाव मानने पर ही पिक्चर को सेंसर बोर्ड की ओर से 'ए' सर्टिफ़िकेट मिल सकेगा।