दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आज विश्व रक्षाबंधन दिवस मनाया गया जिसमें आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार और भाजपा की सांसद मीनाक्षी लेखी और विभिन्न धर्मों से जुड़े धर्मगुरू और विद्वान भी शामिल हुए।
केंद्र की वर्तमान सरकार भले ही गौ रक्षा और गायों को लेकर जितनी भी हायतौबा मचाए मगर असलियत में यह सरकार गाय ही नहीं किसी भी जानवर की देखभाल को लेकर संवेदनशील नहीं है। यह आरोप किसी और ने नहीं पर्यावरण और वन मंत्रालय के तहत आने वाले एनिमल वेलफेयर बोर्ड के एक वरिष्ठ सदस्य ने लगाया है।
सावन की घटाओं एवं रिमझिम फुहारों के बीच शुक्रवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इंडिया गेट पर सात दिवसीय भारत पर्व का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन एवं कला राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉं. महेश शर्मा एवं सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़, केंद्रीय पर्यटन सचिव विनोद जुत्शी भी उपस्थित थे।
उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को बलात्कार के एक मामले में आसाराम को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। साथ ही अदालत ने एम्स को एक मेडिकल बोर्ड गठित कर उनकी स्वास्थ्य स्थिति पता करने को कहा।
गौरक्षकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद समूचे देश में पक्ष और विपक्ष इस पर अपनी राय रख रहे हैं। मध्य प्रदेश गौ संवर्धन और पशु पालन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने बयान दिया है कि अब गाय के कारण तीसरा विश्वयुद्ध होगा। उन्होंने पीएम के बयान का भी समर्थन किया है।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने बीसीसीआई में सुधारवादी कदमों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निशाना साधते हुए उन कदमों को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया है।
जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णोदेवी गुफा मंदिर के मार्ग में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से तीन श्रद्धालुओं समेत चार लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य लोग घायल हो गए।
तेलंगाना राष्ट्र समिति की लोकसभा सांसद कलवाकुंटला कविता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि देश में हल्दी के उत्पादन, बिक्री और उसके प्रभावी निर्यात के लिए अविलंब एक टर्मरिक बोर्ड का गठन किया जाए।
यह किसी साहित्यकार की पूंजी ही है जो पिछले दो दिनों से प्रेम के रूप में नामवर सिंह पर खर्च हो रही है। एक साहित्यकार के लिए इससे बड़ी बात क्या हो सकती है कि जीवन के 90 वसंत बीत जाने के बाद कोई बच्चों सी पुलक और उत्साह के साथ उसका जन्मदिन मनाए। नामवर सिंह अपनी पीढ़ी के इकलौते बुद्धिजीवी, साहित्यकार, आलोचक और ऐसे व्यक्ति हैं जिनका सभी वर्ग में समान अधिकार है।