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चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

यह किस्सों का संकलन है। मुजफ्फरपुर बिहार में तवायफों की एक 100 साल से पुरानी बस्ती है चतुर्भुज स्थान, जो बहुत प्रसिद्ध रहा है। उसके 100 साल के इतिहास को जानने-समझने की एक विनम्र कोशिश है यह किताब। इसमें उनके उत्थान के किस्से हैं, उनके पतन की नजीरें हैं। कोठागोई का एक उद्देश्य है आज की पीढ़ी का परिचय कोठों की उस संस्कृति से करवाना जो कभी तहजीब का केंद्र होता था, बाद में उसका रूप, उसकी पहचान बदलती गई। इसमें उन किरदारों के सुख हैं, दुःख हैं, गीत है, संगीत है जिनको न इतिहास ने याद किया न संस्कृति के अलंबरदारों ने। इस किताब का प्रकाशन वाणी प्रकाशन से हो रहा है।
कैलाश मानसरोवर की यात्रा हुई आसान

कैलाश मानसरोवर की यात्रा हुई आसान

पिछले साल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जब भारत दौरे पर थे तो भारतीय पर्यटकों के लिए कुछ अच्छी खबरें भी लाए थे। मसलन सिक्किम के नाथूला से होते हुए कैलाश-मानसरोवर तक पहुंचने वाले मार्ग को खोलने के लिए चीन सहमत हो गया।
अब कौन सलमान का फैन

अब कौन सलमान का फैन

सलमान का भोला-भोला चेहरा हमेशा से ही लोगों के जहन में बहुत आसानी से जगह बनाता आया है। लाखों लोग उनके प्रशंसक हैं। उनकी भूमिकाओं के जरिए उनसे प्यार करने वालों की कमी नहीं है। अब जब सालों से चल रहे मुकदमे में उन्हें सजा हो गई है तो लाजिमी है कि उनके प्रशंसक जानें कि दरअसल वह उतने भोले भी नहीं जितने परदे पर दिखते हैं।
व्यवस्था की विकलांगता ही चुनौतीः केदार

व्यवस्था की विकलांगता ही चुनौतीः केदार

जब वह मेरे दफ्तर मिलने के लिए आए तो अचानक ही लगा कि मेरा दफ्तर भी विकलांग व्यक्ति के लिए कितना असुविधाजनक है। वह हथेलियों में हवाई चप्पल पहने हुए पूरी सहजता और जबर्दस्त आत्मविश्वास के साथ दफ्तर में आ चुके थे। तकरीबन लपकते हुए वह कुर्सी की ओर बढ़े।
विरह में दो मंत्र

विरह में दो मंत्र

सर्वेश सिंह की कविताएं आध्यात्म और वास्तविक जीवन के ईद-गिर्द खूबसूरत ताना-बाना बुनती हैं। उनके द्वारा लिखे गए कई लेखों पर तीखी बहसें भी हुई हैं। उनकी कहानी ज्ञान क्षेत्रे, कुरूक्षेत्रे को बहुत सराहना मिली थी। सर्वेश फिलवक्त डीएवीपीजी कॉलेज, बनारस में हिंदी विभागाध्यक्ष हैं।
पत्रिका पर पाबंदी को सही ठहराता सेंट स्टीफंस

पत्रिका पर पाबंदी को सही ठहराता सेंट स्टीफंस

सेंट स्टीफंस के छात्रों द्वारा शुरू की गई साप्ताहिक ई-पत्रिका पर कॉलेज के प्राचार्य विल्सन थंपू ने रोक लगा दी है। कॉलेज के चार छात्रों ने इसे शुरू किया था। सात मार्च को यह पत्रिका इंटरनेट पर आई थी और इसमें प्रकाशित थंपू के साक्षात्कार को 2000 से ज्यादा हिट मिले थे।
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