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सरकार ने माना भीषण बाढ़, घोषित हो सकती है राष्ट्रीय आपदा

सरकार ने माना भीषण बाढ़, घोषित हो सकती है राष्ट्रीय आपदा

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और उसके आसपास के इलाकों में आई भीषण बाढ़ को लेकर सरकार ने माना कि स्थिति अधिक गंभीर है और शहर एक टापू बनकर रह गया है। संसद के दोनों सदनों में बाढ़ को लेकर चर्चा हुई और सांसदों ने कहा कि स्थिति की भयावहता को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। यह संभव है कि सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दे।
‘खेर के मार्च को दादरी कांड-कुलबर्गी की हत्या के समर्थन में माना जाए?’

‘खेर के मार्च को दादरी कांड-कुलबर्गी की हत्या के समर्थन में माना जाए?’

देश में बढ़ रही असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने वाले फिल्मकारों और साहित्यकारों के खिलाफ फिल्म अभिनेता और भाजपा समर्थक अनुपम खेर आज राष्ट्रपति भवन तक मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर हैशटैग ‪#‎MarchForIndia टॉप ट्रेंड कर रहा है। खेर का कहना है कि पुरस्कार लौटाने वालों ने न केवल सरकार का बल्कि दर्शकों और ज्यूरी का भी अपमान किया है। खेर के साथ फिल्म जगत की कई और हस्तियां और साहित्यकार भी मार्च में हिस्सा लेंगे। सोशल मीडिया पर अनुपम खेर समेत इन फिल्मकारों और साहित्यकारों के बारे में कुछ ऐसा लिखा गया-
अमेरिकी विशेषज्ञ ने पाक सेना को माना तालिबान का गॉडफादर

अमेरिकी विशेषज्ञ ने पाक सेना को माना तालिबान का गॉडफादर

पाकिस्तानी सेना को तालिबान का गॉडफादर बताते हुए अमेरिकी विदेश नीति के एक विशेषज्ञ ने शुक्रवार को यह चेतावनी दी कि जब तक पाकिस्तानी सेना और उसके नजरिये की जांच तथा इसमें सुधार नहीं किया जाएगा, तब तक अफगानिस्तान से अपने बलों को हटाने वाले अमेरिका को रणनीतिक विफलता का सामना करना पड़ेगा।
हाॅकी लीग के नए नियम: गोल करेंगे एक, माना जाएगा दो

हाॅकी लीग के नए नियम: गोल करेंगे एक, माना जाएगा दो

कलात्मक हाॅकी को बढ़ावा देने के लिए हाकी इंडिया लीग के चौथे सत्र में नए नियमों के तहत एक मैदानी गोल को दो गिना जाएगा। इस तरह के और भी कई नए नियम लागू किए गए हैं।
अमेरिका, जापान के साथ भारत को भी खतरा माना चीन ने

अमेरिका, जापान के साथ भारत को भी खतरा माना चीन ने

अब तक चीन भारत को भले ही घोषित रूप से अपने लिए खतरा नहीं मानता रहा हो और भारत के साथ दोस्ती को बढ़ावा देने की बात करता रहा हो मगर अब उसने आखिरकार यह मान लिया है कि उसके हवाई क्षेत्र को भारत से खतरा हो सकता है।
वर्ल्‍ड बैंक ने मनरेगा को माना विश्‍व की सबसे बड़ी योजना

वर्ल्‍ड बैंक ने मनरेगा को माना विश्‍व की सबसे बड़ी योजना

भारत में भले ही मनरेगा के बजट में कटौती और इसे कमजोर करने की कोशिशों पर बहस छिड़ी है लेकिन वर्ल्‍ड बैंक ने इसे विश्‍व की सबसे बड़ी सार्वजनिक निर्माण योजना माना है।
जेटली ने माना मोदी के ब्लू काॅर्नर नोटिस को लेकर भ्रम

जेटली ने माना मोदी के ब्लू काॅर्नर नोटिस को लेकर भ्रम

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माना कि ललित मोदी के खिलाफ चल रहे १६ मामलों में से १५ की जानकारी उनके पास है और एक मामले की जांच की जा रही है। मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता के दौरान जेटली ने कहा कि ललित मोदी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने ब्लू कार्नर नोटिस जारी किया है इसको लेकर भ्रम है।
ओबामा ने माना  फलस्तीन मुद्दे पर नेतन्याहू के साथ मतभेद

ओबामा ने माना फलस्तीन मुद्दे पर नेतन्याहू के साथ मतभेद

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि इस्राइल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू के साथ उनका कामकाजी किस्म का संबंध है जबकि इस बात को माना कि लंबित फलस्तीन मुददे को सुलझाने के लिए दो राष्ट्र के समाधान पर उनके बीच मतभेद है।
राहुल की मुट्टी खुलने का इंतजार

राहुल की मुट्टी खुलने का इंतजार

हम गांव की चिंता में भटकते राहुल की चल और अचल तस्वीरें देखते हैं लेकिन अभी जानते कि गांवों को खुशहाल बनाने की उनकी नीतियां क्या हैं और वह इसके लिए कौन-कौन से कदम उठाने वाले हैं। हम गरीबों से राहुल के मेलजोल की कोशिशों के बाबत पढ़ते हैं और भरोसा करने को तैयार हैं कि वह उनकी हालत बिना किसी बिचौलिए के जानने चाहते हैं जिस देश में गरीबों के लिए बनी योजनाओं का लाभ अक्सर फर्जी गरीब उठा लेते हैं वहां अब हम जानना चाहते हैं कि राहुल सही गरीबों की शिनाख्त का कौन सा बेहतर तरीका अपनाएंगे। हम जानते हैं क अपने पिता राजीव गांधी की तरह राहुल गांधी भी चिंतित हैं कि गरीबों के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रत्येक रुपये में सिर्फ 15 पैसे उन तक पहुंचते हैं लेकिन हमारी अब यह जानने की भी अपेक्षा है कि विचौलियों द्वारा चट हो रहे बाकी के 85 पैसे राहुल गरीबों तक कैसे पहुंचाएंगे। हम जानते हैं कि राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना को राहुल गांधी अपनी यूपीए सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं और उसे पूरे देश में फैलाना चाहते हैं, शहरों मे भी, लेकिन हम यह भी जानना चाहते हैं कि वह इस योजना में व्यापक धांधली कैसे रोकेंगे, कैसे सुनिश्चित करेंगे कि सही लोगों को जॉब कार्ड मिले, काम पर आए मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी मिल पाए और इस योजना के जरिये गांवों में पक्के आधारभूत ढांचे भी बन पाएं।
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