दिल्ली पुलिस ने राजद्रोह के मामले में दक्षिण दिल्ली के एक थाने में जेएनयूएसयू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य से पहली बार एक साथ पूछताछ की है।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के दो छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य ने मंगलवार की देर रात दिल्ली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से मना करने के कुछ घंटे बाद आत्मसमर्पण किया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने देशद्रोह के मामले में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण से पहले सुरक्षा की मांग करने वाले जेएनयू के दो छात्रों की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। वहीं मगलवार को ही इन पांच छात्रों की गिरफ्तारी के लिए दायर एक अन्य याचिका पर भी सुनवाई करने के लिए हाईकोर्ट राजी हो गया है। दोनों ही याचिकाओं पर मंगलवार को ही सुनवाई किए जाने की संभावना है।
जेएनयू विवाद पर अपनी हालिया रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने विश्वविद्यालय की अंदरूनी जांच समिति द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों को भी शामिल किया है। सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित आठ छात्र असंवैधानिक नारे लगाने में कथित तौर पर शामिल थे। लेकिन जांचकर्ताओं द्वारा अब तक जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में पुलिसकर्मियों और जेएनयू के कर्मचारियों सहित एक भी प्रत्यक्षदर्शी का जिक्र नहीं किया है।
जेएनयू में नौ फरवरी को हुई देशविरोधी नारेबाजी के पांच आरोपी रविवार शाम को कैंपस में लौट आए हैं। विवाद के एक आरोपी उमर खालिद भी जेएनयू कैंपस में मौजूद रहे और स्टूडेंट्स को संबोधित किया। इसके बाद पुलिस जेएनयू कैंपस पहुंची।
जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के 10 आरोपी छात्रों में से एक छात्र उमर खालिद के पिता ने आज कहा है कि यह न्यायपालिका को तय करना है कि वह मामले में संलिप्त था या नहीं। साथ ही उन्होंने मांग की कि उनके बेटे को मीडिया ट्रायल से अलग रखा जाए।
दिल्ली पुलिस ने कश्मीरी गेट आईएसबीटी इलाके से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट यानी आईएसआईएस से संपर्क रखने के संदेह में 28 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी पिछले माह एक आतंकवादी माड्यूल का पता लगाए जाने के सिलसिले में पांचवीं गिरफ्तारी है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने 26 वर्ष पहले घर छोड़ने के लिए मजबूर कश्मीरी पंडितों के अपने घरों को वापस नहीं लौटने का दोष आज कश्मीरी पंडितों के सिर पर ही मढ़ दिया।
जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर जारी गतिरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती से कहा है कि वह देर नहीं करें और अगर मुख्यमंत्री के तौर पर जिम्मेदारी लेने में अक्षम हैं या अनिच्छुक हैं तो उन्हें राज्य में फिर से चुनाव कराने के लिए सिफारिश करनी चाहिए। गौरतलब है कि पीडीपी और भाजपा में सरकार के गठन को लेकर जारी गतिरोध को 12 दिन हो गए हैं।