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विवेक मिश्र को आर्य स्मृति सम्मान

विवेक मिश्र को आर्य स्मृति सम्मान

16 दिसंबर की शाम हिंदी भवन, दिल्ली में किताबघर प्रकाशन के संस्थापक पं. जगत राम आर्य के जन्मदिन पर कथाकार विवेक मिश्र को उनके उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ के लिए ‘आर्य स्मृति साहित्य सम्मान 2015’ प्रदान किया गया। यह सम्मान हर साल साहित्य की किसी एक विधा को प्रकाशन के संस्थापक श्री जगत राम आर्य की स्मृति में दिया जाता है। इस बार उपन्यास विधा की पांडुलिपियां आमंत्रित की गई थीं। तीन सदस्य के निर्णायक मंडल, असगर वजाहत, प्रताप सहगल तथा अखिलेश ने विवेक मिश्र के उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ को इस सम्मान के लिए चुना।
आमिर के साथ ‘दंगल’ नहीं चाहते संग्राम

आमिर के साथ ‘दंगल’ नहीं चाहते संग्राम

संग्राम सिंह के प्रशंसक बड़े खुश हैं। खुश होना भी चाहिए। वह वास्तव अर्थ में हीरो बन गए हैं। एक राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी जो अपने पेशे से समझौता नहीं करता। चाहे सामने आमिर खान ही क्यों न हो।
बीसीसीआई की स्वीकृति नहीं, दिल्ली सरकार का सम्मान समारोह रद्द

बीसीसीआई की स्वीकृति नहीं, दिल्ली सरकार का सम्मान समारोह रद्द

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने शनिवार को पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी सहित राज्य के विश्व कप विजेता (1983) और (2011) खिलाडि़यों को फिरोजशाह कोटला मैदान के अंदर सम्मानित करने की दिल्ली सरकार को स्वीकृति नहीं दी। बीसीसीआई ने कहा कि इस समारोह के कारण नियमों का उल्लंघन हो सकता है।
कसाब के सम्मान में क्रिकेट शृंखला चाहता है बीसीसीआईः शिवसेना

कसाब के सम्मान में क्रिकेट शृंखला चाहता है बीसीसीआईः शिवसेना

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट शृंखला शुरू कराने की कवायद पर शिवसेना ने भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) पर हमला बोला है। पार्टी के मुखपत्र सामना में शिवसेना ने लिखा है कि बीसीसीआई मुंबई पर 26 नवंबर को हुए खौफनाक हमले करने वाले कसाब और उसके सहयोगियों के सम्मान में यह शृंखला कराना चाह रहा है।
इतिहास को इतिहास की तरह देखिए

इतिहास को इतिहास की तरह देखिए

संतरा संतरा है और अमरूद अमरूद। संतरे में अमरूद का स्वाद और तासीर तलाशें तो यह संतरे के साथ अन्याय है। इसी तरह अगर अमरूद में संतरे का स्वाद और तासीर तलाशें तो यह अमरूद के साथ अन्याय है। संतरे को संतरे की तरह ही खाइए और अमरूद को अमरूद की तरह।
क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

बिहार चुनाव के नतीजे आने का बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कविता काफी प्रसारित हो रही है। इस कविता में कहा जा रहा है कि अब कहीं से भी गोमांस, सम्मान वापसी, अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहा है। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा सहिष्णुता की वजह से है या ऐसा बिहार का चुनाव खत्म हो जाने की वजह से है। स्पष्ट तौर पर यह आरोप लगता रहा है कि लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों द्वारा जो पुरस्कार लौटाए जा रहे थे वह बिहार चुनावों को प्रभावित करने की एक पूर्वनियोजित साजिश थी। इस संबंध में आरएसएस का मानना है कि पुरस्कार वापसी की मुहीम राजनीतिक ताकतों के हित में बहुत सलीके से संयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने तो यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि पुरस्कार वापसी के इस मुहिम में बहुत ज्यादा पैसा सम्मिलित था। जो कुछ भी हुआ, यह उसकी पूरी तरह से एक प्रायोजित और विकृत व्याख्या है।
असहिष्णुता पर बोले रघुराम राजन, परस्पर सम्मान जरूरी

असहिष्णुता पर बोले रघुराम राजन, परस्पर सम्मान जरूरी

देश में बढ़ती असहिष्णुता पर चल रही बहस को आगे बढ़ाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि विचारों के लिए माहौल बेहतर बनाने के वास्ते सहिष्णुता तथा परस्पर सम्मान जरूरी है और किसी समूह विशेष को शारीरिक क्षति पहुंचाने या अपमानजनक शब्द कहने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
बिहार में अगड़े-पिछड़े का चुनाव समर

बिहार में अगड़े-पिछड़े का चुनाव समर

बिहार में दो चरण का मतदान होने के बाद मतदान के रुझानों और विभिन्न जातों की गोलबंदी से एक बड़ा सवाल उभर रहा है कि क्या यह विधानसभा चुनाव अगड़ा बनाम पिछड़ा बनता जा रहा है।
मनमोहन ने लौटाया हरियाणा साहित्य अकादमी का सम्मान

मनमोहन ने लौटाया हरियाणा साहित्य अकादमी का सम्मान

देश में लेखकों पर बढ़ते हमले और असहमति की आवाजों को दबाने के विरोध में हिंदी के वरिष्ठ कवि-चिंतक मनमोहन ने हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से मिला सम्मान लौटा दिया है। उन्होंने सम्मान के साथ मिली 1 लाख रुपये की राशि भी अकादमी को वापसभेज दी है।
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