अभिनेत्री और भाजपा सांसद हेमा मालिनी को आज अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। दौसा जिले में हेमा की मसर्डीज कार के एक अन्य कार से टकराने पर वह घायल हो गई थीं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
फरीदाबाद (हरियाणा) का गांव अताली फिर से हिंसा की आग में जलने लगा है। हिंदू-मुस्लिम समुदायों में हुई ताजा हिंसा के तहत अंदाजन 60 मुस्लिम परिवारों को घर छोड़ना पड़ा। मस्जिद संबंधी विवाद से बीते कई महीनों से अताली में माहौल पहले ही तनावपूर्ण चल रहा है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिले गाजीपुर में स्वास्थ्य सेवाओं का इतना बुरा हाल है कि यहां के अस्पतालों को ही इलाज की जरुरत महसूस होने लगी है। डाॅक्टर और दवा दोनों ही जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की समस्या है।
दस दिनों से बल्लभगढ़ के अटाली गांव में चला आ रहा विवाद अब शांत पड़ चुका है। बल्लभगढ़ में दंगा पीड़ितों के लिए बने शिविर से लोग बसों में बैठकर अपने गांव लौट चुके हैं। जिस धार्मिक स्थल को क्षतिग्रस्त करने को लेकर विवाद था, अब उस पर भी समझौता हो गया है।
जयपुर आज से भारत का ऐसा छठा शहर बन गया जहां मेट्रो ट्रेन सेवा है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। फिलहाल यह ट्रेन नौ किलोमीटर दौड़ेगी। मानसरोवर से चांदपोल तक इसका सफर रहेगा। हर दस मिनट के अंतराल में मेट्रो मिलेगी। मेट्रो ट्रेन के 24 ऑपरेटर में से 6 महिलाएं हैं।
शुक्रवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर किसी रेडियोधर्मी पदार्थ के रिसाव की खबर से दहशत फैल गई। खबर मिलते ही एनडीआरएफ की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और पूरे क्षेत्र को विकिरणमुक्त करा लिया। शुरुआत में माना गया कि किसी रेडियोधर्मी पदार्थ का रिसाव हुआ है। यह पदार्थ फोर्टिस अस्पताल के लिए तुर्की के एक कार्गो विमान से लाया गया था। दिन भर एयपोर्ट को विकिरणमुक्त करने के लिए मशक्कत जारी रही। लेकिन शाम को परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड और दिल्ली सरकार ने किसी रेडियोधर्मी पदार्थ के रिसाव से साफ इन्कार कर दिया।
करीब 42 सालों से जिंदा लाश की तरह केईएम अस्पताल के वॉर्ड नंबर 4 में भर्ती अरुणा शानबाग की मौत हो गई। तीन दिन पहले उन्हें निमोनिया के चलते आईसीयू में रखा गया था।
एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका जैसे विकसित देश में हर साल 10 हजार से ज्यादा मरीजों की मौत चिकित्सा त्रुटि के कारण हो रही है। स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता का ध्यान रखकर, बेहतर सेवा प्रदान किया जा सकता है। ऐसा नहीं है कि इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गंभीर से और लगभग खड़ूस से दिखने वाले इरफान के सीने में भी दिल है ! दिल भी ऐसा वैसा नहीं वह भी फिल्मों में अपनी नायिकाओं के लिए धड़कना चाहता है। फिर जहां चाह वहां राह। ‘पीकू’ के जरिये आखिर खुरदुरे चेहरे वाले इरफान की इच्छा पूरी हो ही गई। पर शायद इरफान भूल गए हैं कि इससे पहले ‘लाइफ इन ए मेट्रो’ में भी एक दीवाने प्रेमी की भूमिका निभा चुके हैं