अप्रैल फूल डे पर फेसबुक के माध्यम से भाजपा छोड़ने की घोषणा करने वाली पंजाब भाजपा की मुख्य संसदीय सचिव नवजोत कौर सिद्धू ने आज कहा कि सब कुछ ठीक है और वह पार्टी में बनी हुई हैं। अमृतसर से भाजपा के पूर्व सांसद और क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने कहा कि उनकी शिकायतें दूर कर दी गई हैं।
भारत में पाकिस्तान से ज्यादा प्यार मिलने की बात कहकर अपने देश के निशाने पर आए पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान शाहिद अफरीदी ने आज इस मसले को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि उनका इरादा अपने देश को नीचा दिखाने का नहीं था और वह सिर्फ यहां प्रशंसकों का सम्मान करके सकारात्मक संदेश देने का प्रयास कर रहे थे।
अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर लगाई जा रही अटकलों का जवाब देते हुए जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने आज साफ कर दिया कि मुख्यधारा की राजनीति में जाने या चुनाव लड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है।
अपनी सजा पूरी कर जेल से रिहा हुए बाॅलीवुड अभिनेता संजय दत्त ने कहा कि वह आतंकवादी नहीं हैं और 1993 के मुंबई विस्फोटों के मामले में दोषी ठहराए जाने की कड़वी यादों को पीछे छोड़ देना चाहते हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह आतंकी नहीं हैं और उनके नाम के साथ मुंबई ब्लास्ट को न जोड़ा जाए।
देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहे जेएनयूएसयू नेता कन्हैया कुमार ने आज कहा कि वह भारतीय है और उसे न्यायपालिका एवं संविधान पर पूरा विश्वास है, उसके इस बयान पर पुलिस ने कहा कि वह उसकी जमानत का विरोध नहीं करेगी।
सियाचिन ग्लेशियर से जीवित निकाले गए बहादुर सैनिक लांस नायक हनुमंथप्पा कोप्पाड का आज निधन हो गया। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज बताया लांस नायक हनमनथप्पा नहीं रहे। उन्होंने सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर अंतिम सांस ली। मद्रास रेजिमेंट के 33 वर्षीय सैनिक के परिवार में उनकी पत्नी महादेवी अशोक बिलेबल और दो वर्ष की एक बेटी नेत्रा कोप्पाड है। कर्नाटक के धारवाड़ के बेटादूर गांव के रहने वाले कोप्पाड 13 वर्ष पहले सेना से जुड़े थे।
लंबे समय से भाजपा के गले की हड्डी बने पार्टी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने दावा किया है कि वह अगर निर्दलीय के तौर पर भी चुनाव लड़ते हैं तो वह जीत सकते हैं। उन्होंने यह भी माना कि उन्हें लंबे समय से अन्य पार्टियों से प्रस्ताव मिलते रहे हैं।
स्त्री अस्मिता को लेकर भारत में शुरू हुए स्त्रीवादी आंदोलनों और महिला अधिकारों की बहसों की शुरुआत के बाद से स्त्रीवादी कविता में उसके सरोकारों की भी बात होने लगी। हालांकि, उसके पहले भी स्त्रीवादी कविताएं लिखी जाती थीं, लेकिन तब उसमें स्त्री अधिकारों और सरोकारों की बातें कम होती थीं, स्त्री सौंदर्य और स्त्री प्रेम की बातें ज्यादा होती थीं।