अपने जीवन में 61 फाइटिंग में से सिर्फ पांच में हारने वाले जाने माने मुक्केबाज 'द ग्रेट' मोहम्मद अली जिंदगी की जंग में पार्किन्संस से हार गए। 74 साल के अली सांस की तकलीफ की वजह से अस्पताल में भर्ती थे। उनका अमेरिका के लास एंजिल्स में निधन हो गया। अली को पार्किनसन की बीमारी की वजह से सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी।
दुनिया में मुक्केबाजी के पर्याय मुहम्मद अली ने एक बार गणना की थी कि उन्होंने अपने पेशेवर करियर में 29,000 मुक्के सहे और पांच करोड़ 70 लाख डालर की कमाई की। उनके मुक्के दमदार होते थे और अपनी तेजी की वजह से प्रतिद्वंद्वी को हतप्रभ करने में माहिर भी थे। इस हैवीवेट चैंपियन ने अपने मुक्कों से दुनिया को रोमांचित करने का वादा किया और फिर वह इसमें सफल भी रहे। यहां तक कि मुक्के खाने की वजह से उन्हें पार्किन्संस हो गया था। वह इस वजह से बमुश्किल बात कर पाते थे तब भी वह लोगों को प्रभावित करते थे।
ईरान के साथ व्यापार, निवेश व उर्जा संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन की यात्रा पर रविवार को तेहरान पहुंचे। इस यात्रा के दौरान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है।
महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने कड़ी सुरक्षा के बीच मुंबई के हाजी अली दरगाह में प्रवेश कर वहां की जियारत की। कुछ लोगों के विरोध के बीच पुलिस की मौजुदगी में दरगाह में दुआ मांगने के बाद तृप्ति ने कहा कि उनका संघर्ष लैंगिक समानता को लेकर है।
पाकिस्तान के जाने-माने शायर अता-उल-हक कासमी का कहना है कि उर्दू के विकास और नई पीढ़ी के साथ इसके जुड़ाव को बढ़ावा देना उर्दू प्रेमियों के हाथ में है और उन्हें इस भाषा को जीवित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए।
पाकिस्तान में शिया समुदाय को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा और नफरत के खिलाफ पुरजोर आवाज बुलंद करने वाले प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम जकी और उनके मित्र की तालिबानी चरमपंथियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर और त्रयंबकेश्वर मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश के अधिकार के मुद्दे पर कामयाबी हासिल करने के बाद भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई लैंगिक समानता का अपना अभियान आज मुंबई के प्रसिद्ध हाजी अली दरगाह तक ले जाना चाहती थीं लेकिन वे अंदर नहीं गईं और वहां उन्हें रोकने के लिए मौजूद प्रदर्शनकारियों से टकराव टल गया।
पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली, शास्त्रीय गायक पंडित विश्वनाथ और पंडित जसराज ने अन्य कलाकारों के साथ बनारस के प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर में आयोजित संगीत उत्सव में दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंदिर में सुबह तक संगीत गूंजता रहा।