लगातार हो रही बारिश के चलते देश के कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। हिमाचार प्रदेश में बारिश के कारण फिर से भूस्खलन हुआ। असम में भी बाढ़ के हालात गंभीर बने हुए हैं और देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में रविवार को भी बारिश जारी रही। गुजरात के मोरबी जिले के टनकारा तालुका में अधिक बारिश होने से कई डैम में जलस्तर बढ़ गया जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। राजस्थान के जोधपुर में मूसलाधार बारिश से दोपहिया वाहन सड़कों पर तैरते नजर आए। लोगों ने दुकानें नहीं खोली और घरों में कैद रहे। मानसून की पहली बारिश में सड़कों पर नदी नालों की तरह पानी बहा। इसमें बहती गाड़ियों को पकड़ने के लिए लोग मशक्कत करते रहे।
लखनऊ में दो पहिया वाहन चलाने वाले अगर बिना हेलमेट पहने चलेंगे तो उन्हें पेट्रोलपंप पर तेल नहीं मिलेगा। यह कदम पुलिस के आदेश के बाद लोगों की सुरक्षा के दृष्टि से आज से लागू किया गया है। वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए चलाए गए इस अभियान के लिए ‘नो रुल, नो फ्यूल’ (नियम नहीं, तो ईंधन नहीं) का नारा दिया गया है।
देश की शीर्ष नीति-निर्धारक नीति आयोग ने सुझाव दिया है कि इलेक्ट्रिक और साझा वाहनों के प्रयोग से आने वाले सालों में करीब 60 अरब डॉलर बचा सकता है। आयोग ने आज एक संयुक्त रिपोर्ट साझा कर इस बात का अनुमान लगाया है।
देश में बुजुर्गों से संबंधित योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने समीक्षा की आवश्यकता बताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय नीति एनपीओपी जैसी योजनाएं 1990 के दशक की हैं और सरकार को इन पर पुनर्विचार तथा समीक्षा करने की जरूरत है।
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम आज भी जस की तस है जबकि उत्तर प्रदेश की सत्ता अखिलेश सरकार से होकर योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच चुकी है। इस दौरान सरकार बदलाव के तमाम बड़े दावे करे, लेकिन एक आम आदमी के द्वारा शव को अपने कंधे पर उठाकर ले जाना सभी दावों को ढेर करता दिख रहा है।
पाकिस्तान के अशांत उत्तरपश्चिमी कबाइली इलाके में एक यात्री वाहन को रिमोट बम से निशाना बनाए जाने पर छह बच्चों और दो महिलाओं समेत 10 लोग मारे गए और 13 अन्य घायल हो गए।
एचआईवी-एड्स पीड़ितों के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। एचआइवी-एड्स पीड़ित लोगों को नौकरी देने से इनकार करने या नौकरी से निकालने पर कानूनन सजा का प्रावधान हो गया है। अब एड्स पीडितो की सुरक्षा के लिए संसद द्वारा पारित विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है।
काफी समय से लंबित पड़ा राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक मानसून सत्र में संसद में पेश होगा और खेलमंत्री विजय गोयल ने चेताया है कि इसका पालन नहीं करने पर राष्ट्रीय खेल महासंघों को सरकार से कुछ नहीं मिलेगा।