भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि वह नेशनल हेराल्ड मामले में दस्तावेज समन करने के लिए एक नई अर्जी दाखिल करेंगे। इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य लोग आरोपी हैं।
भारत से जिस बड़ी तादाद में भैंस का मांस निर्यात हो रहा है उस हिसाब से आने वाले समय में यहां के लोग दूध को तरस सकते हैं। हाल ही में जारी यूएस कृषि विभाग (यूएसडीए) की रिपोर्ट बताती है कि इस मांस निर्यात का असर भारत के दूध उत्पादन पर होना तय है।
दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले से पहले राष्ट्रीय एकजुटता का आह्वान करते हुए चीन की सरकारी मीडिया ने अमेरिका और जापान के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि चीन को सतर्क रहना चाहिए।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत राजग सरकार अधिक जीडीपी दिखाने के लिए आंकड़ों में हेरफेर कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि आर्थिक प्रगति जमीन पर नहीं दिख रही है।
महाराष्ट्र कैबिनेट विस्तार के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कैबिनेट के 3 बड़े नेताओं को झटका दिया है। विभागों में फेरबदल करते हुए पंकजा मुंडेे, विनोद तावड़े और प्रकाश मेहता का कद छोटा कर दिया गया है। तावड़े और पंकजा दोनों ही विवादों में उलझे रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खास चंद्रकांत दादा पाटिल को बेहद महत्वपूर्ण राजस्व मंत्रालय का जिम्मा मिला है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पहले तो केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में अपने लोगों को जगह दिलवाई और उसके बाद विभागों के बंटवारे में भी उसी की चली। जिन मंत्रियों से आरएसएस को परेशानी थी उनके विभाग बदल दिए गए हैं।
बांग्लादेश से सटे भारतीय इलाकों में सीमा सुरक्षा बल को हाई अलर्ट पर रखा गया है। भारत के सीमावर्ती गांवों में सघन तलाशी अभियान शुरू किया गया है। ढाका के कैफे पर आतंकी हमले के बाद साजिशकर्ताओं में से कई के भारत भागकर आने और यहां छुपने की आशंका जताई जा रही है। असम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल की पुलिस और सीमा सुरक्षा बल का संयुक्त अभियान एवं रिवर पेट्रोलिंग सरहदी इलाकों में शुरू किया गया है। मेघालय, मिजोरम, बिहार, झारखंड और उड़ीसा में भी सतर्कता जारी की गई है।
महान भारत देश में करीब 30 लाख संस्थाओं ने ‘स्वयंसेवी’ संगठन के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन करवा रखा है। लेकिन मात्र 10 प्रतिशत संस्थाएं ही अपनी आमदनी-खर्च का विवरण आयकर विभाग को देती हैं। सेवा करने वालों को अपने बही-खाते की पारदर्शिता रखने से परहेज क्यों है?