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याकूब की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार का इस्तीफा

याकूब की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार का इस्तीफा

मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी दिए के फैसले की आलोचना करते हुए सुप्रीम कोर्ट के एक डिप्टी रजिस्ट्रार ने इस्‍तीफा दे दिया है। उनके इस कदम से मृत्‍युदंड और याकूब की फांसी को लेकर चल रही बहस तेज हो गई है।
कलाम, याकूब और औसत मानस का मानचित्र

कलाम, याकूब और औसत मानस का मानचित्र

30 जुलाई को दो बहुचर्चित जनाजे निकले। एक खुले समुंदर के पास रामेश्वरम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ, तिरंगे में लिपटा। दूसरा, नागपुर केंद्रीय कारावास की कालकोठरी से निकाल फंदे पर झुला कर कब्रिस्तान के लिए रुखसत किया गया। एक सिंहासन चढ़ि चला तो एक बंधा जंजीर। काल की दो लीलाएं। मृत्यु के दो थिएटर। लेकिन एक ही देश के दो नागरिक, एक ही मजहब के दो लोग। हालांकि मृत्यु पूर्व जीवन के दो अलग-अलग रंगमंच। अब्दुल कलाम अपने रंगमंच पर भारतीय राज्य प्रतिष्ठान के हीरो और याकूब मेमन भारतीय राज्य प्रतिष्ठान का मुजरिम तो मुजरिम, विलेन भी। पहले को मौत के बाद भी मुख्यधारा जनमानस और सूचना-प्रचार तंत्र से ‘अमर रहे’ और ‘जिंदाबाद’ की विदाई। दूसरे के लिए मौत के पहले ही उसी मानस और तंत्र से ‘फांसी दो, फांसी दो’ तथा ‘मुर्दाबाद’ की गूंज जिसके आगे न्यायपालिका भी नतमस्तक हो गई।
याकूब की फांसी पर सियासत तेज

याकूब की फांसी पर सियासत तेज

मुंबई के 1993 के बम धमाकों के आरोपी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की फांसी पर यूं तो पिछले कई दिनों से राजनीति जमकर हो रही है मगर गुरुवार को उसे फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद तो जैसे नेताओं में बयानबाजी की होड़ ही लग गई।
याकूब की फांसी से झूलते कई कानूनी सवाल

याकूब की फांसी से झूलते कई कानूनी सवाल

जो लोग राजा-महाराजाओं को नाराज करते थे वह उन्हें हाथियों से कुचलवा दिया करते थे। आधुनिक सभ्य राज्य में वैसे लोगों को फांसी दी जाती है। लेकिन यह राजधर्म के नाम पर क्यों होता है? सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अनिल दवे के खुली अदालत में बोले गए शब्द, गुनाहगारों को सजा राजधर्म है, मेरे कानों में हमेशा गूंजते रहेंगे। महाधिवक्ता की बातें भी हमेशा मेरे कानों में गुंजती रहेंगी जो उन्होंने न्यायाधीश कुरियन को कही कि तयशुदा चीजों में आप विलंब कर रहे हैं। इस आदमी का फांसी पर चढ़ना तय है। वह दोनों 1993 बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी पर रोक लगवाने वाली याचिका का विरोध कर रहे थे। क्या राजधर्म के अनुसार माया कोडनानी और बाबू बजरंगी को फांसी होगी?
पिता की कब्र के पास दफनाया गया याकूब

पिता की कब्र के पास दफनाया गया याकूब

आज सुबह नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी पर लटकाए गए मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन का कड़ी सुरक्षा के बीच मुंबई में अंतिम संस्कार हुआ। उसके शव को विमान के जरिये नागपुर से मुंबई लाया गया था। शाम करीब सवा पांच बजे याकूब को मरीन लाइंस के बड़े कब्रिस्‍तान में उसके पिता की कब्र के पास ही दफनाया गया। माहिम में याकूब के घर और जनाजे में काफी तादाद में लोग जमा हुए।
आज होगी याकूब को फांसी

आज होगी याकूब को फांसी

याकूब की फांसी पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आधी रात के बाद हुई ऐतिहासिक सुनवाई खत्म। गुरूवार की सुबह याकूब की फांसी को कुछ दिनों के लिए रुकवाने की कुछ वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की याचिका खारिज हो गई। अब इसके बाद कुछ ही घंटों में याकूब को फांसी लगना तय है।
याकूब की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट में आधी रात को सुनवाई

याकूब की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट में आधी रात को सुनवाई

याकूब की फांसी पर संशय बरकरार। राष्ट्रपति द्वारा बुधवार को दया याचिका खारिज करने के बाद कई वकील गुरूवार सुबह याकूब को होने वाली फांसी पर रोक लगाने के लिए देर रात मुख्य न्यायाधीश के घर पहुंचे। आधी रात को सुप्रीम कोर्ट फिर से खोला गया। मामले की सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश ने तीन जजों की बेंच गठित की है।
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