पिछले 17 साल में पहली बार बिल गेट्स ने इतनी बड़ी राशि दान में दी है। सोमवार को यूएस सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमिशन की ओर से जारी रिलीज से इसकी जानकारी मिली है।
फोर्ब्स मैगजीन की ताजा लिस्ट के हवाले से कहा गया है कि इस समय जेफ बेजोस के पास 90.6 बिलियन डॉलर की संपत्ति है जबकि बिल गेट्स के पास 90 बिलियन डॉलर की संपत्ति है।
संसद में 30 जून की आधी रात को जीएसटी लॉन्च के मेगा शो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 'गुड एंड सिंपल टैक्स' कहा। वहीं, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि जीएसटी ने राज्यों के मोतियों को एक धागे में पिरोया है।
जीएसटी काउंसिल ने वस्तुओं के बाद सेवाओं पर भी कर की दरें तय कर दी हैं। जिसके तहत टेलिकॉम, वित्तीय सेवाएं महंगी हो जाएंगी। फोन पर बात करने के साथ ही बीमा-बैंकिंग सेवाओं के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। होटल में ठहरना एसी ट्रेन में सफर करना भी महंगा हो जाएगा।
देश में बुजुर्गों से संबंधित योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने समीक्षा की आवश्यकता बताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय नीति एनपीओपी जैसी योजनाएं 1990 के दशक की हैं और सरकार को इन पर पुनर्विचार तथा समीक्षा करने की जरूरत है।
राज्यसभा में गरुवार को जीएसटी से जुड़े चार बिलों को बिना किसी संशोधन के पास कर दिया गया है। इन चार बिलों में सी-जीएसटी, आईजीएसटी, यूटीजीएसटी और जीएसटी मुआवजा बिल शामिल है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस से अपील की थी कि वो राज्यसभा में जीएसटी पर आम सहमति बनाने में मदद करे। इससे पहले लोकसभा में भी इन चारों बिलों को मंजूरी दे दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में आने वाली शराब की दुकानों पर पाबंदी के अपने आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि जिन इलाकों में 20 हजार तक की आबादी होगी, वहां 220 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों पर पाबंदी होगी।
कांग्रेस को जीएसटी विधेयक वर्तमान स्वरूप में स्वीकार्य नहीं है किंतु पार्टी इस मामले में सतर्कतापूर्ण ढंग से आगे बढ़ेगी ताकि उसे इस महत्वपूर्ण कर सुधार उपाय के विरोधी के रूप में नहीं देखा जाए। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी सांसदों की एक महत्वपूर्ण बैठक में तय किया गया कि जीएसटी विधेयकों के बारे में जनता की चिंताओं को उठाया जाए और आवश्यक संशोधन के लिए कहा जाए।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए स्वास्थ्य सेवा विधेयक को प्रतिनिधि सभा में पारित नहीं करवा पाने की वजह से निराशा जाहिर की है। वह ओबामाकेयर को निरस्त कर उसकी जगह नए विधेयक को लाना चाहते थे लेकिन प्रतिनिधि सभा में इस पक्ष में मिले कम वोट की वजह से विधयेक पारित नहीं हो सका।