मध्यप्रदेश बोर्ड के दसवीं और बारहवीं के परीक्षा परिणामों की घोषणा ने प्रदेश में उफान ला दिया है। परिणाम घोषित होने के कुछ ही घंटों में दो सगे भाई-बहन सहित 12 छात्रों ने आत्महत्या कर ली।
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 10वीं और 12वीं के परिणाम में आज घोषित हो गए हैं। इस बार 10वीं की मेरिट में जहां देवप्रकाश मांझी ने पहला स्थान प्राप्त किया है। वहीं, 12वीं के संयम जैन ने पूरे प्रदेश में टॉप किया है। संयम जैन के पिता एक छोटे से दुकानदार हैं।
रातो रात बड़े फैसले लेने वाली यूपी की योगी सरकार ने आज स्कूलों के लिए नया ड्रेस कोड जारी कर दिया है। योगी सरकार का यह फैसला गर्मी की छुट्टियों के बाद लागू होगा। छुट्टियों के बाद सभी सरकारी स्कूलों के बच्चे नई ड्रेस में नजर आएंगे।
यूपी की राजनीति में नसीमुद्दीन सिद्दीकी एक बड़े मुस्लिम नेता माने जाते हैं। यूपी के 2017 विधानसभा चुनावों में बसपा ने उन्हें टिकट बांटने से लेकर अपने स्टार प्रचारकों में शामिल किया था। बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनसे सभी बड़े विभाग और अधिकार छीन कर सबको चौका दिया।
पुरवाई की मार और आंधी के कहर की वजह से इस बार फलों के राजा आम की पैदावार में 65 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आने की आशंका है। लिहाजा इस दफा आम बेहद खास होने जा रहा है और इसका जायका लेने के लिये जेब काफी ढीली करनी पड़ सकती है। मौसमी हालात से बेजार आम उत्पादकों ने सरकार से खुद को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में लाने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में भाजपा का झंडा गाड़ी पर लगाकर शराब की तस्करी करने वालों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से अंग्रेजी शराब की 45 पेटी बरामद हुई हैं।
उत्तर प्रदेश में गुंडाराज का खत्म करने के दावे के साथ आई योगी आदित्यनाथ की सरकार के सामने हिंसक घटनाएं नई चुनौती पेश कर रही है। खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जिस तरह शोभा यात्रा के नाम पर निकलेे जुलूस उपद्रव का कारण बने रहे हैं, उसने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जिला अब जुलूस, बवाल और दंगो के नाम से चर्चा में है। दूधली के बाद बड़गांव के सब्बीरपुर में जुलूस के नाम पर बवाल हुआ। इस तरह शोभायत्रा के नाम पर हो रही हिंसा और उपद्रव कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
केंद्र सरकार की ओर से कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल ने बाजी मार ली है। लेकिन कई शहर साफ-सफाई के मामले में पिछड़ते जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के चार शहर तो सबसे निचले पायदान पर हैं।