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कैश की किल्लत पर सियासत, शिवराज ने कहा ‘साजिश’, तेजस्वी ने बताया ‘नोटबंदी घोटाले का असर’

कैश की किल्लत पर सियासत, शिवराज ने कहा ‘साजिश’, तेजस्वी ने बताया ‘नोटबंदी घोटाले का असर’

देश के कई राज्यों में कैश की किल्लत पैदा हो गई है। आम नागरिक परेशान हैं, वे अपनी दैनिक जरूरतों के लिए...
नोटों की किल्लत : सिनेमा हालों में सन्नाटा, शो रूम में ग्राहकों का अता पता नहीं

नोटों की किल्लत : सिनेमा हालों में सन्नाटा, शो रूम में ग्राहकों का अता पता नहीं

पुराने 500 और 1000 के नोट बंद होने के एक सप्‍ताह बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हो पायी है। बड़ी दुकानें बंद हैं। माल मल्टीप्लेक्स में सन्नाटा है। बैंकों के सामने लंबी लंबी लाइनें लगी हैं और लोग अपने नोटों को नये नोट में बदलवाने के लिये सुबह से ही लाइन में लगे हैं।
कानपुर में पानी की किल्लत, लगे 'सांसद जोशी लापता हैं' के पोस्टर

कानपुर में पानी की किल्लत, लगे 'सांसद जोशी लापता हैं' के पोस्टर

कानपुर में पानी की किल्लत को लेकर शहर कांग्रेस समिति ने भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ मंगलवार से होर्डिंग अभियान चलाया है। इस होर्डिंग में लिखा है कि शहर में पानी की कमी है और सांसद जोशी गायब हैं। जो भी सांसद को ढूंढ़ कर लाएगा, उसे एक घड़ा पानी इनाम में दिया जाएगा।
महाराष्ट्र में आईपीएल के मैचों पर सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

महाराष्ट्र में आईपीएल के मैचों पर सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

उच्चतम न्यायालय ने आईपीएल मैचों को सूखा प्रभावित महाराष्ट्र से बाहर आयोजित करवाने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र एवं मुंबई क्रिकेट संघों की याचिकाओं को आज खारिज कर दिया।
पानी के लिए त्राहिमाम

पानी के लिए त्राहिमाम

देश पानी के भीषण संकट से गुजर रहा है। मराठवाड़ा के हालात पर हर दिन चर्चा हो रही है। सुरक्षा बल के साथ वहां पानी की ट्रेन भेजी गई और कई लोग पूरे दिन में सिर्फ एक गिलास पानी पर रहने को मजबूर हैं। उत्तर प्रदेश में पानी हर साल संकट और तबाही का कारण बनता रहा है। किसी साल बाढ़ तो किसी साल सूखे की त्रासदी झेलने को मजबूर उार प्रदेश में गर्मी का मौसम शुरू होते ही 50 जिले सूखे की चपेट में आ गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले दो दशकों में कभी भी मार्च के अंत और अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में ऐसे विकराल रूप में सूखा नहीं पड़ा। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त की मानें तो राज्य के पचास जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया जा चुका है। ऐसे 21 जिले हैं जिसमें किसानों को 33 प्रतिशत फसल का नुकसान हुआ है। जहां तक सूखा पीड़ित क्षेत्रों के किसानों को सरकारी मदद का सवाल है, यह मदद उन्हीं किसानों को दी जाएगी जिनकी 33 प्रतिशत से अधिक फसल नष्ट हुई है। अभी मई और जून की भीषण गर्मी के दिनों में और भी जिलों के सूखा प्रभावित होने आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। पूर्वी उत्तर प्रदेश के चार मंडलों के बीच जिलों में पानी के स्रोत सूख चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार सबसे खतरनाक स्थिति भूगर्भ जल स्तर के औसतन छह से नौ फुट तक नीचे जाने के कारण उत्पन्न हुई है। इन जिलों के डेढ़ हजार से अधिक कुओं का जलस्तर न्यूनतम होने के कारण कुएं सूख गए हैं। 80 प्रतिशत से अधिक हैंडपंप सूख चुके हैं।
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