पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने आज अदालत के समक्ष कहा कि लश्कर-ए-तैयबा ने 26/11 के मुंबई हमलों से एक साल पहले ताज होटल में भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों हमले की योजना बनाई थी। हेडली ने यह भी कहा कि उसने नौसैन्य वायु स्टेशन और सिद्धीविनायक मंदिर की रेकी की थी।
राज्यपालों की भूमिका पर पैदा हुए विवाद के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को राज्यपालों को मशवरा देते हुए कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे सभी लोग संविधान की पवित्रता बरकरार रखें।
सियाचिन ग्लेशियर में एक सप्ताह पहले बर्फ खिसकने से 30 फुट नीचे दबे रहने के बाद जीवित निकाले गए लांस नायक हनमंथप्पा कोप्पाड का दिल्ली के सैन्य अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष जारी है। अस्पताल के अनुसार कोप्पाड कोमा में हैं और उनकी हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई है। अगले 24 से 48 घंटे काफी कठिन रहने का अनुमान है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जीवन रक्षा पदक श्रृंखला-2015 पुरस्कार प्रदान करने की अऩुमति दे दी है। कुल 50 लोगों को ये पुरस्कार दिए जाएंगे। इनमें से 03 सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक, 09 उत्तम जीवन रक्षा पदक और 38 जीवन रक्षा पदक तथा 09 पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किये जायेंगे।
आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के नए कुलपति होंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के भेजे चार नामों में से जगदीश कुमार के नाम को मंजूरी दी है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी को जेएनयू का वीसी बनाए जाने की अटकलों के बाद यह नियुक्ति चर्चाओं में आ गई थी।
स्वास्थ्य के अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए देश के चुनिंदा 43 वैज्ञानिकों को आज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सभागार में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
एशिया से सबसे ज्यादा प्रवासी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को अमेरिका भेजने के मामले में भारत शीर्ष पर कायम है और अमेरिका महाद्वीप में इस तरह के कुल 29 लाख 60 हजार पेशेवरों में से तकरीबन नौ लाख 50,000 भारत से हैं।
देश में असहिष्णुता पर जारी बहस के बीच उप राष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी ने कहा है कि समाज में आलोचना और सवाल उठाए जाने के प्रति असहिष्णुता है जिसकी वजह अवैज्ञानिक पूर्वाग्रहों पर आधारित अतार्किक आस्था और मत हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच के अभाव में ही अक्सर असहमति जाहिर करने वाले व्यक्ति के बहिष्कार या उसकी हत्या कर दिए जाने या फिर किताबों पर प्रतिबंध जैसी घटनाएं सामने आती हैं।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को एक बयान में कहा है कि जो भी व्यक्ति या संगठन भारत को दर्द देगा, उसे उसी तरह का दर्द देना चाहिए लेकिन यह कैसे, कब और कहां होगा, वह भारत की पसंद के अनुरूप होना चाहिए। रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी पठानकोठ आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में सामने आई है।