दर्शन शास्त्र तथा अंग्रेजी साहित्य में एम.ए। दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज के अंग्रेजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर रह चुकी हैं और शिमला स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज की एसोसिएट फैलो रह चुकी हैं। सभी राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। चार कहानी-संग्रह प्रकाशित। दो कहानी संकलनों का संपादन। कृष्णा सोबती, पाउलो कोएल्हो तथा अगाथा क्रिस्टी के उपन्यासों सहित कुछ अन्य पुस्तकों के अनुवाद।
साहिर लुधियानवी के हिन्दी गीत के संकलन का संपादन। साहिर लुधियानवी : मेरे गीत तुम्हारे हैं नाम से एक और पुस्तक प्रकाशनाधीन। सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां और गजलें प्रकाशित। साहित्य से इतर पर्यावरण पर भी लेखन। पिछले चार वर्षों से साहिर लुधियानवी के गीतों का डॉक्युमेंटेशन और ब्लॉग लेखन। गढ़वाली भाषा और संस्कृति पर सक्रिय संस्था ‘धाद’ से संबद्ध।
बीसीसीआई ने सलाहकार समिति के सुझावों के आधार पर रवि शास्त्री को भारत में अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप तक भारतीय क्रिकेट टीम का निदेशक बरकरार रखा है।
हिंदी पखबाड़ा के अवसर पर आयोजित मोज़िला हिंदी कार्यशाला और समीक्षा बैठक एक प्रासंगिक आयोजन रहा। मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स हिंदी कार्यशाला एवं समीक्षा बैठक का आयोजन मोजिला की ओर 5-6 सितंबर को दिल्ली में किया गया। इस सम्मेलन में भारत के विभिन्न शहरों से लोग आए और कार्यक्रम में शिरकत की। सूचना-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम कर रहे करीब 25 जाने-माने लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम की मेजबानी सेंटर फ़ॉर स्टडी ऑफ़ डेवलपिंग सोसायटी, दिल्ली ने की।
उर्दू की प्रसिद्ध लेखिका इस्मत चुगताई का जन्म 15 अगस्त 1915 को बदायूं, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वह इस्मत आपा के नाम से मशहूर हुईं। उनके लेखन के साथ कई विवाद भी जुड़े रहे। वह बहुत विद्रोही लेखिका थीं और उन्होंने महिलाओं के बारे में खूब लिखा और उनके हक में सवाल उठाए। उनकी कहानियों में लड़कियों की मनोदशा और सच्चाई खूब अच्छी तरह से बयान हुए। उनकी कहानी लिहाफ के लिए लाहौर हाईकोर्ट में उन पर अश्लीलता का मुकदमा चलाया था, जो बाद में खारिज हो गया। 24 अक्टूबर 1991 को उनका निधन हुआ। सन 2015 में हम उनकी जन्मशताब्दी मना रहे हैं। उनकी मशहूर कहानी लिहाफ पाठकों के लिए।
रेडियो के विदेश प्रसारण प्रभाग में कार्यरत जापान में रह रहीं नीलम मलकानिया रेडियो जापान की हिंदी सेवा में कार्यरत हैं।
पंजाब में जन्मीं नीलम दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और हिंदी साहित्य और रंगमंच में स्नातकोत्तर हैं। कॉलेज के समय से पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखती रही हैं। दिल्ली और मुंबई में कई नाटकों के मंचन में मंच पर और मंच-परे सक्रिय भूमिका निभाने वाली नीलम ने रेडियो लेखन में डिप्लोमा किया है। ऑल इंडिया रेडियो के नाट्य एकांश में रांगेय राघव, सत्यजीत रे, रवीन्द्र नाथ ठाकुर की रचनाओं का रेडियो नाट्य रूपांतरण पेश कर चुकीं नीलम 'बी हाई ग्रेड' कलाकार हैं।
हजरत अमीर खुसरो की लिखी रुदार ए शिरीन एक ऐसी स्त्री की जीवन गाथा है जिसमें वह अपनी पहचान और अस्तित्व ढूंढने की कोशिश करती है। इसे संगीतमय रूप में दिल्ली घराने की महिला कलाकारों ने प्रस्तुत किया है। रुदार ए शिरीन यानी शिरीन की कहानी की मंच पर संगीतमय प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा।
5 सितंबर, 1971, जबलपुर (म.प्र) में जन्म। ढाई दशक से पत्रकारिता में सक्रीय। बीते दस बरस में दो कहानी संग्रहः आईने सपने और वसंत सेना। यूं ना होता तो क्या होता। पिछले साल आया उपन्यास दलाल की बीवी काफी चर्चित रहा। गुजरे डेढ़ दशक से लगातार फिल्म समीक्षाएं, विवेचन और अध्ययन। मुंबई में निवास। प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक अमर उजाला के मुंबई ब्यूरो प्रमुख।
सच्ची घटनाओं को परदे पर उतारना अपने आप में मुश्किल काम है। वास्तविक चरित्र के बारे में दर्शकों की जानकारी कुछ ज्यादा ही होती है और वे फिल्म देखते वक्त भूल जाते हैं कि घटनाओं को परदे पर उतारने के लिए नाटकीयता का सहारा लेना जरूरी होता है। मांझी- द माउंटेन मैन इसी का उदाहरण है।