उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की लड़ाई अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुकी है। अगले चरण के मतदान के लिए राजनैतिक पार्टियों ने अपना ध्यान धार्मिक शहर वाराणसी पर लगा दिया है। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा क्षेत्र है।
चुनाव प्रचार में नेताओं के भाषण को लेकर चुनाव आयोग ने नाराजगी जाहिर की है। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को नोटिस जारी करते हुए भाषणों पर संयम बरतने के निर्देश दिए हैं।
त्रिपुरा में बजट सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। राज्यपाल तथागत रॉय ने सत्तारूढ़ वाम मोर्चा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार की ओर ओर से तैयार अपने भाषण के विवादित हिस्से को नहीं पढ़ा। इसमें केंद्र की नीतियों की कड़ी आलोचना की गई थी। विपक्षी तृणमूल कांग्रेस ने इस पर सदन में हंगामा किया।
एक बार फिर वही धुन। प्रिंट, टी.वी., वेब, मोबाइल फोन, फेसबुक, टि्वटर जैसे हर सूचना-संचार माध्यमों पर चुनावी राजनीति में बाहुबलियों के प्रभाव, पहचान, लोकप्रियता अथवा आतंक से जुड़ी सफलता, चुनाव में विजय की चिंता निरंतर हो रही है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के महासंग्राम में कई नेताओं की पत्नियां अपने-अपने पतियों की मदद करने और उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में जुटी हुई हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी चित्रकार बौआ देवी द्वारा बनाए गए कमल के एक फूल में रंग भरने के बाद राजनीतिक अटकलों :भाजपा और जदयू के एकबार फिर करीब आने: का बाजार गर्म होने को लेकर हंसे।
शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित दिग्गज हस्तियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रवासियों के खिलाफ नफरत भरे भाषणों की एकस्वर में निंदा की।
राजनीतिक दलों पर बेनामी नकद चंदे की सीमा 20,000 रुपये से घटा कर 2,000 रुपये तक सीमित करने के बाद सरकार ऐसा कानूनी संशोधन करने जा रही है जिसके तहत उन्हें हर साल दिसंबर तक आय का विवरण विभाग में दाखिल करना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने उन्हें मिली कर छूट खत्म हो जाएगी।
राजनीतिक दलों पर बेनामी नकद चंदे की सीमा 20,000 रुपये से घटा कर 2,000 तक सीमित करने के बाद सरकार ऐसा कानूनी संशोधन करने जा रही है जिसके तहत उन्हें हर साल दिसंबर तक आय का विवरण विभाग में दाखिल करना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने उन्हें मिली कर छूट खत्म हो जाएगी।